चीनी सरकार से पंगा लेकर मुश्किलें झेल रहे दिग्गज कारोबारी और चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा कई वर्षों तक गायब रहने के बाद अब सामने आ गए हैं। जैक मा इस समय चीन छोड़कर जापान में बस गए हैं यहां पर उन्होंने नई नौकरी जॉइन कर ली है। जैक मा प्रतिष्ठित टोक्यो विश्वविद्यालय के शोध संस्थान टोक्यो कॉलेज में गेस्ट लैक्चरर होंगे।
विश्वविद्यालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि जैक मा टिकाऊ कृषि और खाद्य उत्पादन में अनुसंधान करेंगे। मा एक परोपकारी संस्था जैक मा फाउंडेशन के प्रमुख भी हैं। इसमें आगे कहा गया कि वह ’’उद्यमिता, कॉरपोरेट प्रबंधन और नवाचार पर अपने समृद्ध अनुभव और अग्रणी ज्ञान’’ को छात्रों तथा शिक्षकों के साथ साझा करेंगे।
विश्वविद्यालय ने कहा कि उनकी नियुक्ति सोमवार को शुरू हुई और अक्टूबर के अंत तक चलेगी। जैक मा ने 1990 के दशक में ई-कॉमर्स फर्म अलीबाबा की स्थापना की थी और वह कभी चीन के सबसे अमीर व्यक्ति थे।
चीनी नियामकों ने अलीबाबा समूह की वित्तीय सहयोगी आंट ग्रुप द्वारा आईपीओ लाने की योजना को 2020 में रोक दिया था। इसके अलावा अलीबाबा को जांच के दायरे में भी लाया गया था। ऐसा तब हुआ, जब उन्होंने शंघाई में एक भाषण के दौरान चीन के नियामकों और वित्तीय प्रणालियों की आलोचना की थी।
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