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Hindi News पैसा बिज़नेस किस एयरलाइन की टाइम पर रहती है फ्लाइट, कौन सबसे लेट-लतीफ, DGCA के आंकड़े बता रहे हकीकत

किस एयरलाइन की टाइम पर रहती है फ्लाइट, कौन सबसे लेट-लतीफ, DGCA के आंकड़े बता रहे हकीकत

जनवरी-अप्रैल के दौरान घरेलू एयरलाइंस से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 523.46 लाख थी, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 503.93 लाख थी।

डीजीसीए रिपोर्ट- India TV Paisa Image Source : REUTERS डीजीसीए रिपोर्ट

अप्रैल महीने में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या सालाना आधार पर 3.88 फीसदी बढ़कर 1.32 करोड़ हो गई। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पिछले साल अप्रैल में घरेलू हवाई यातायात का आंकड़ा 1.28 करोड़ था। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के आंकड़ों के मुताबिक, एयरलाइंस ने 1,370 यात्रियों को विभिन्न वजहों से उड़ान भरने की मंजूरी नहीं दी और इसपर दिए जाने वाले मुआवजे एवं सुविधाओं पर 1.36 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में कुल 32,314 उड़ानें रद्द हुईं, जिसकी वजह से एयरलाइंस को मुआवजे एवं सुविधाओं पर 89.26 लाख रुपये खर्च करने पड़े।

आकासा एयर की परफॉर्मेंस सबसे अच्छी

पिछले महीने कुल 1,09,910 उड़ानें तय समय से देरी से रवाना हुईं। इससे जुड़ी यात्री सुविधाओं पर एयरलाइंस ने 1.35 करोड़ रुपये खर्च किए। समय पर परफॉर्मेंस के मामले में अकासा एयर 89.2 प्रतिशत के साथ टॉप पर रही। इसके बाद एआईएक्स कनेक्ट (79.5 प्रतिशत), विस्तारा (76.2 प्रतिशत), इंडिगो (76.1 प्रतिशत), एयर इंडिया (72.1 प्रतिशत), स्पाइसजेट (64.2 प्रतिशत) और एलायंस एयर (49.5 प्रतिशत) का स्थान रहा।

इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी

पिछले महीने इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 60.6 प्रतिशत हो गई, जबकि एयर इंडिया की हिस्सेदारी बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गई। हालांकि, विस्तारा और एआईएक्स कनेक्ट की बाजार हिस्सेदारी घटकर क्रमशः 9.2 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत रह गई। एयर इंडिया, विस्तारा और एआईएक्स कनेक्ट तीनों ही एयरलाइंस टाटा समूह का हिस्सा हैं। अप्रैल में अकासा एयर की बाजार हिस्सेदारी 4.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही, वहीं स्पाइसजेट की बाजार हिस्सेदारी घटकर 4.7 प्रतिशत रह गई।

बढ़ी यात्रियों की संख्या

डीजीसीए ने कहा, ‘‘जनवरी-अप्रैल के दौरान घरेलू एयरलाइंस से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 523.46 लाख थी, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 503.93 लाख थी। इस तरह 3.88 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि और 2.42 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई।’’

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