Air Travel: महंगी टिकटों के बावजूद भारत में बढ़ी हवाई यात्रियों की संख्या, अगस्त में 1 करोड़ ने पकड़ी फ्लाइट
रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि घरेलू हवाई यात्री यातायात अगस्त में पांच प्रतिशत बढ़कर 1.02 करोड़ हो गया।
लगातार बढ़ रही एटीएफ की कीमतों के चलते हवाई टिकटों की कीमतें आसमान पर हैं। लेकिन बढ़ते टिकट के दामों के बीच भी घरेलू यात्रियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार अगस्त महीने में 1 करोड़ से अधिक यात्रियों ने हवाई सफर किया। वहीं अंतरराष्ट्रीय परिवहन में भी 32 फीसदी का उछाल देखने को मिला है।
कोविड के असर से बाहर आई एविएशन इंडस्ट्री
रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि घरेलू हवाई यात्री यातायात अगस्त में पांच प्रतिशत बढ़कर 1.02 करोड़ हो गया। इसके साथ ही उड़ानों का परिचालन सामान्य होने से चालू वित्त वर्ष में हवाई परिवहन में तीव्र सुधार होने की संभावना है। इक्रा की एक रिपोर्ट में अगस्त महीने के लिए हवाई परिवहन के आंकड़े जारी करते हुए यह अनुमान जताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय परिवहन में जोरदार उछाल
इसके मुताबिक, भारतीय विमानन कंपनियों का अंतरराष्ट्रीय परिवहन भी अगस्त में 32 प्रतिशत बढ़कर करीब 19.8 लाख यात्री हो गया और यह कोविड-पूर्व स्तर से आगे निकल गया। इक्रा लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं कॉरपोरेट रेटिंग प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने कहा, ‘‘घरेलू विमानन उद्योग में पुनरुद्धार का सिलसिला जारी है। अगस्त में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या करीब 1.02 करोड़ रही जो जुलाई के 97 लाख यात्रियों की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है। वहीं अगस्त, 2021 की तुलना में यह वृद्धि करीब 52 प्रतिशत है।
प्री कोविड के मुकाबले संख्या अभी भी कम
इसके बावजूद कोविड से पहले की अवधि यानी अगस्त 2019 की तुलना में यह संख्या अब भी 14 प्रतिशत कम है।’’ चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या करीब 5.24 करोड़ रही है जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 131 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इक्रा ने रिपोर्ट में कहा है कि इस दर को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में घरेलू हवाई यातायात में तीव्र वृद्धि रहने की संभावना है। इसके पीछे विमान परिचालन की स्थिति सामान्य होने और कोविड-19 महामारी के संक्रमण में आई गिरावट है।
एयरलाइन कंपनियों की हालत में फिलहाल सुधार नहीं
इक्रा को घरेलू एयरलाइंस की आय में सुधार की रफ्तार धीमी रहने का अंदेशा है। विमान ईंधन के दाम बढ़ने और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने से आने वाले समय में विमानन कंपनियों की आमदनी दबाव में रह सकती है।