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India में इतने साल में हवाई यात्रियों की संख्या हो जाएगी दोगुनी, अभी करीब 20 करोड़ एयर पैसेंजर

Air passengers: घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या सात से 10 वर्षों में दोगुनी होकर 40 करोड़ होने की उम्मीद है। महामारी से पहले भारत में हवाई यात्रियों की संख्या करीब 20 करोड़ थी।

Air passengers- India TV Paisa Image Source : FILE Air passengers

Air passengers: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि भारत में अगले सात से 10 वर्षों में कुल 40 करोड़ से अधिक हवाई यात्री होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू एयरलाइंस के लिए वृद्धि के जबरदस्त अवसर हैं और इन कंपनियों के पास पांच वर्षों में कुल 1,200 विमानों का बेड़ा होने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या सात से 10 वर्षों में दोगुनी होकर 40 करोड़ होने की उम्मीद है। महामारी से पहले भारत में हवाई यात्रियों की संख्या करीब 20 करोड़ थी। उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में सिंधिया ने कहा कि देश में 2026 तक हेलिपोर्ट और एयरोड्रोम सहित कुल 220 हवाई अड्डे होने का अनुमान है।

घरेलू इस्पात को बढ़ावा देने की जरूरत

इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को घरेलू स्तर पर उत्पादित स्टील या 'मेड इन इंडिया' स्टील को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि इसके उत्पादन में आत्मनिर्भरता सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारतीय खनिज और धातु उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि घरेलू इस्पात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादकता से जुड़ी प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है, जिसका परिव्यय 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत शुद्ध आयातक से अब स्टील का शुद्ध निर्यातक बन गया है।

इस्पात क्षेत्र में कई सुधार हुए

सिंधिया ने आगे कहा, "पिछले आठ वर्षो में, इस्पात क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं, जिसके कारण भारत की उत्पादन क्षमता 2013-14 में 1.2 करोड़ टन से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 15.4 करोड़ टन हो गई है।" यहां तक कि स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 57 किलोग्राम प्रति व्यक्ति से बढ़कर 78 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है। सिंधिया ने इस्पात क्षेत्र में उच्च कार्बन उत्सर्जन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2030 तक इन स्तरों को 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक कम करने की आवश्यकता है।

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