टाटा समूह की अगुवाई वाली एयर इंडिया को विमान के अंदरूनी हिस्सों में खुद सुधार या बदलाव करने के लिए विमानन नियामक डीजीसीए से मंजूरी मिल गई है। एयरलाइन अपने बेड़े को नया रूप देने और ऑपरेशन का विस्तार करने पर काम कर रही है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एयरलाइन ने अपने बेड़े में शामिल विमान के अंदरूनी हिस्सों को बेहतर बनाने के लिए टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ सहयोग किया है। एयर इंडिया ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
पहली ऐसी भारतीय एयरलाइन बनी
खबर के मुताबिक, एयर इंडिया का कहना है कि एयर इंडिया पहली भारतीय एयरलाइन है जिसे डीजीसीए का डिज़ाइन ऑर्गनाइज़ेशन अप्रूवल मिला है, जो हमें विमान के अंदरूनी हिस्सों को इन-हाउस संशोधित करने की अनुमति देता है। टाटा टेक्नोलॉजी के साथ साझेदारी में यह पहल, एयर इंडिया के विश्व स्तरीय एयरलाइन बनने के अपने प्रयास में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और मील का पत्थर है।
कमरे साझा करने की नीति विवाद
ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (एआईसीसीए) ने एयर इंडिया की, चालक दल के सदस्यों के एक वर्ग के लिए कमरे साझा करने की नीति को अवैध व गैर-कानूनी करार दिया है। आईसीसीए ने श्रम मंत्रालय से मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए इस कदम को रोकने का आग्रह किया है। एसोसिएशन होटल में ठहराने तथा आवास की शर्तों की मांग कर रहा है, जो पिछले समझौतों तथा न्यायाधिकरण के फैसलों के मुताबिक पायलट के लिए आवास नीति के मुताबिक हो। एसोसिएशन ने एयर इंडिया के प्रमुख कैम्पबेल विल्सन को भी पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि वे मौजूदा यथास्थिति का उल्लंघन न करें और औद्योगिक न्यायाधिकरण की पवित्रता तथा इस मुद्दे पर लंबित औद्योगिक विवाद को ध्यान में रखें।
एयरबस को 85 और विमानों का ऑर्डर
एयर इंडिया ने इसी महीने एयरबस को 85 और विमानों का ऑर्डर दिया है जिसमें 10 ए350 विमान भी शामिल हैं। एयरबस को दिए गए 85 विमानों के ऑर्डर में 75 संकरे आकार वाले ए320 सीरीज के विमान हैं जबकि 10 चौड़े आकार वाले ए350 विमान हैं। यूरोपीय विमान विनिर्माता एयरबस ने कहा था कि उसे इस साल सितंबर तक 667 विमानों के लिए ऑर्डर मिले हैं।
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