टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश को 31 मई तक बढ़ा दिया। पिछले साल जनवरी में एयरलाइन का नियंत्रण लेने के बाद समूह द्वारा यह इस तरह की तीसरी पेशकश है। एयर इंडिया के अनुसार, 40 वर्ष या उससे अधिक की आयु प्राप्त करने वाले और एयरलाइनों में न्यूनतम पांच वर्ष की निरंतर सेवा पूरी करने वाले स्थायी सामान्य कैडर के अधिकारी इस प्रस्ताव के पात्र हैं। लिपिकीय और अकुशल श्रेणी के कर्मचारी भी पात्र होंगे जिन्होंने कम से कम पांच वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर ली हो। हालांकि, आवेदन की स्वीकृति और रिलीज की तारीख प्रबंधन के विवेक के अधीन रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट एयर इंडिया पेशाब मामले में पीड़िता की उस याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गया, जिसमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और एयरलाइन कंपनियों को ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में 'अनियंत्रित/विघटनकारी व्यवहार' के संबंध में स्पष्ट शून्य सहिष्णुता की नीति पर जोर दिया गया है, जो इसे कानून प्रवर्तन को रिपोर्ट करना अनिवार्य कर सकता है, जिसमें विफल होने पर सभी मामलों में एयरलाइनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सभी एयरलाइंस को नोटिस जारी किया गया
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने केंद्र, डीजीसीए और एयर इंडिया सहित सभी एयरलाइंस को नोटिस जारी किया। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सहायता मांगी। उन्होंने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की। मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होनी तय की गई। याचिका में कहा गया है कि दुनियाभर में अनियंत्रित यात्री द्वारा दुर्व्यवहार की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने दिसंबर 2022 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें सरकारों से अनियंत्रित यात्रियों की पहचान करने और उन्हें संभालने के बारे में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया गया था।
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