घरेलू एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अगरतला-गुवाहाटी-दिल्ली-कोलकाता रूट पर डेली फ्लाइट्स की शुरुआत कर दी है। एयरलाइन की इस नई फ्लाइट से त्रिपुरा और आसपास के राज्यों के लोगों के लिए काफी आसानी होगी। IANS की खबर के मुताबिक, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के एक अधिकारी ने कहा कि बीते रविवार को एयर इंडिया एक्सप्रेस की पहली फ्लाइट ने अगरतला में महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) एयरपोर्ट से अपनी यात्रा शुरू की। एयरपोर्ट के डायरेक्टर के.सी. मीना ने कहा कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से यात्रियों को दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता तक आने-जाने के लिए सस्ती दरों का विकल्प चुनने की सुविधा मिलेगी।
चौथी एयरलाइन कंपनी बन गई एयर इंडिया एक्सप्रेस
खबर के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस एमबीबी एयरपोर्ट से अपनी विमान सेवा शुरू करने वाली चौथी एयरलाइन कंपनी बन गई है। अन्य तीन एयरलाइन कंपनियों में एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा एयर शामिल हैं। त्रिपुरा सरकार अगरतला में एमबीबी हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में नामित करने के लिए दबाव डाल रही है। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद बिप्लब कुमार देब ने हाल ही में लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री (किंजरापु राम मोहन नायडू) से एमबीबी हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने का आग्रह किया था।
एयरपोर्ट की क्षमता
देब ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी, 2022 को 500 करोड़ रुपये की लागत से बने एमबीबी हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया था। खबर के मुताबिक, त्रिपुरा सरकार ने अगरतला-चटगांव (बांग्लादेश) मार्ग पर विमान संचालन शुरू करने के लिए एएआई को 18.85 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। हवाई अड्डा व्यस्त समय के दौरान 1,000 घरेलू और 200 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को संभाल सकता है। एएआई के सूत्रों ने कहा कि गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय (एलजीबीआई) हवाई अड्डा और इम्फाल में बीर टिकेंद्रजीत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वर्तमान में पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त है।
फिलहाल 16 फ्लाइट्स ऑपरेट होती हैं
एएआई के अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल एमबीबी हवाई अड्डे से नियमित रूप से 16 फ्लाइट्स ऑपरेट होती हैं, जिनमें हर रोज 4,000 से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। राज्य की राजधानी से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित इस हवाई अड्डे को पहले सिंगरबिल हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था, जिसका नाम जुलाई 2018 में केंद्र सरकार द्वारा महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर के नाम पर रखा गया था। 30,000 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के साथ, नए टर्मिनल भवन को व्यस्त समय के दौरान घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों यात्रियों को एक साथ संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस हवाई अड्डे का निर्माण 1942 में तत्कालीन त्रिपुरा राजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर द्वारा भूमि दान किए जाने के बाद किया गया था और इसका उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल एयर फोर्स के लिए तकनीकी बेस के रूप में किया गया था।
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