नई दिल्ली: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एयर इंडिया और विस्तारा के प्रस्तावित विलय को कुछ शर्तों के साथ शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। टाटा समूह को उसके एयरलाइन कारोबार को बढ़ाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। सीसीआई ने सोशल नेटवर्किंग मंच एक्स पर शुक्रवार को बताया कि उसने विलय को मंजूरी दे दी है। उसने कहा, “सीसीआई ने टाटा एसआईए एयरलाइंस के एयर इंडिया में विलय को और पार्टियों द्वारा प्रस्तावित स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं के अनुपालन के अधीन एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा कुछ शेयरों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।”
प्रस्तावित विलय के लिए सीसीआई से इस साल अप्रैल में मंजूरी मांगी गई थी
विस्तारा और एयर इंडिया टाटा समूह की पूर्ण-सेवा वाली एयरलाइंस हैं। विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टाटा समूह ने पिछले साल नवंबर में एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तार के विलय की घोषणा की, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस भी एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। प्रस्तावित विलय के लिए सीसीआई से इस साल अप्रैल में मंजूरी मांगी गई थी। इसमें टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल), एयर इंडिया लिमिटेड, टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (टीएसएएल) और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड पक्ष बने हैं। इस सौदे के बाद एयर इंडिया देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन और दूसरी सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन बन जाएगी।
2022 में टाटा के हाथ में पहुची थी एयर इंडिया की कमान
टाटा समूह ने जनवरी 2022 में घाटे में चल रही एयर इंडिया का नियंत्रण सरकार से अपने हाथ में लिया था। इसके बाद से ही उसने एयरलाइन के कायाकल्प के लिए कई स्तरों पर योजनाएं बनाई हैं। इसी क्रम में एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग को 470 विमानों की आपूर्ति के लिए 70 डॉलर का ऑर्डर भी दिया है। इसके साथ ही कम्पनी ने एयर इंडिया का नया लोगो और ब्रांड पहचान को लॉन्च किया है। एयर इंडिया ने घोषणा करते हुए बताया कि विमान का नया रूप एयर इंडिया द्वारा पहले से इस्तेमाल की जाती रही भारतीय खिड़की को सोने की खिड़की के फ्रेम में डिजाइन किया गया है।
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