देश में सेना की भर्ती से जुड़ी अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) को लेकर युवाओं का हंगामा थमना नजर नहीं आ रहा है। सेना की भर्ती से जुड़े इस विवाद का सबसे बड़ा खामियाजा रेलवे को भुगतना पड़ रहा है। यूपी, बिहार से लेकर तेलंगाना तक ट्रेनें जलाई जा रही हैं। स्टेशनों को नुकसान पहुंच रहा है। यात्री परेशान हैं।
क्या आपको पता है कि रेलवे का एक डिब्बा या फिर इंजन यदि जलाया जाता है तो देश को इसकी कितनी कीमत चुनानी पड़ती है। आज हम आपको रेलवे की संपत्तियों की कीमत के बारे में बताएंगे, जिससे आपको अहसास होगा कि विरोध का तरीका देश के लिए कितना घातक है।
Image Source : fileCost of Train
कितने का होता है रेल का इंजन
लंबी रेलगाड़ी को खींचने की जिम्मेदारी रेल इंजन की होती है। यहीं हजारों छोटे कलपुर्जों से तैयार इंजन रेल का सबसे महंगा हिस्सा होता है। मध्य रेल के रिटायर्ड इंजीनियर देवेश शर्मा बताते हैं कि मौजूदा रेल इंजन की कीमत 18 से 20 करोड़ के लगभग बैठती है। यदि हम डुअल मोड लोको की बात करें तो यह करीब 17 से 18 करोड़ के लगभग बैठता है, वहीं डीजल इंजन की कीमत 18 करोड़ होती है।
रेल के डिब्बे की क्या होती है कीमत
रेल के डिब्बे अलग अलग प्रकार के होते हैं। एक रेलगाड़ी में जनरल, स्लीपर और ऐसी डिब्बे होते हैं। इसके अलावा सामान, गार्ड और पेंट्री का डिब्बा भी होता है। एक ऐसी डिब्बे को बनाने में 2 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, वहीं स्लीपर बोगी बनाने की कीमत 1 से सवा करोड़ के बीच बैठती हैं। वहीं जनरल कोच भी 1 करोड़ होती है।
कितने करोड़ की होती है रेल गाड़ी
वंदे भारत (Vande Bharat) जैसी अत्याधुनिक ट्रेनों की कीमत करीब 110 करोड़ रुपये है। यदि हम इंजन की कीमत 20 करोड़ मान लें, और मान लें कि एक ट्रेन में 6 ऐसी, 10 स्लीपर और 4 जनरल बोगी हैं तो एक ट्रेन की कीमत करीब 70 करोड़ रुपये के लगभग बैठती है। आम तौर पर एक ट्रेन में 22 से 24 डिब्बे होते हैं। इसी तरह सामान्य से एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का खर्च 50 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये के बीच आती है।
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