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Adani Ports के तीसरे क्वार्टर का रिजल्ट जारी, कंपनी की कमाई में आई गिरावट

Adani Ports 3rd Quarter Results: अडानी पोर्ट ने अपने तीसरे क्वार्टर का रिजल्ट जारी कर दिया है। कंपनी की इस दौरान तगड़ी ग्रोथ देखने को मिली है। 19% की रफ्तार से कंपनी ने पिछले तीन महीने में विकास किया है। चलिए आंकड़ो से समझते हैं कि कंपनी का कितना प्रॉफिट हुआ है?

Adani Port's third quarter result released company grow by 19 percentage- India TV Paisa Image Source : FILE अडानी पोर्ट के तीसरे क्वार्टर का रिजल्ट जारी

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (Adani Ports) का दिसंबर 2022 में समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 12.94 प्रतिशत घटकर 1,336.51 करोड़ रुपये पर आ गया। देश की सबसे बड़ी एकीकृत लॉजिस्टिक्स कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,535.28 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को दी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी एकीकृत कुल आय बढ़कर 5,051.17 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,713.37 करोड़ रुपये थी। अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में कंपनी का कुल खर्च बढ़कर 3,507.18 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले समान अवधि में यह आंकड़ा 2,924.30 करोड़ रुपये रहा था। 

अडानी पोर्ट के सीईओ ने दी जानकारी

अडानी पोर्ट के सीईओ करण अडानी ने कहा कि अडानी पोर्ट्स को उम्मीद है कि EBITDA 14,500 करोड़ रुपये से 15,000 करोड़ रुपये के बीच रहेगा। यह FY23 के लिए निर्देशित 12,200 करोड़ रुपये से 12,600 करोड़ रुपये के खिलाफ है। वित्त वर्ष 2023-24 में कैपेक्स 4,000-4,500 करोड़ रुपये के दायरे में रहेगा, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यह 8,600 करोड़ रुपये निर्देशित है। कंपनी को यह भी उम्मीद है कि EBITDA अनुपात में ऋण FY23 के 3-3.5 गुना मार्गदर्शन से 2.5 गुना तक सुधरेगा।

एफिशिएंसी पर दिया जा रहा ध्यान

कंपनी ने कहा कि उसका कार्गो वॉल्यूम करीब एक प्रतिशत बढ़कर 75.43 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) हो गया। फर्म ने कहा कि कंटेनर की मात्रा 2 प्रतिशत बढ़ी है। नियोजित पूंजी पर रिटर्न (आरओसीई) बेहतर क्षमता उपयोग के साथ परिपक्व बंदरगाहों पर लगातार सुधार कर रहा है और एफिशिएंसी पर ध्यान दिया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि रसद कारोबार का आरओसीई वित्त वर्ष 22 की तुलना में दोगुना से अधिक हो गया है। इसमें कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में अधिग्रहीत बंदरगाहों पर परिचालन रैंप उनके आरओसीई को 20 प्रतिशत तक बढ़ा देगा।

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