देश का दिग्गज उद्योग समूह अदानी ग्रुप यूपीआई, डिजिटल पेमेंट, क्रेडिट कार्ड सहित अन्य ई-कॉमर्स और पेमेंट कारोबार में एंट्री मारने की तैयारी कर रहा है। समूह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में गूगल और मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों के साथ कॉम्पिटीशन करने के लिए एक डिजिटल बिजनेस का निर्माण कर रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की खबर के मुताबिक, कंपनी की यह प्लानिंग समूह के कारोबार में तेजी से बढ़ते उपभोक्ता-सामना करने वाले बाजारों में विविधता लाने को कवायद है। अदानी बंदरगाहों, हवाई अड्डों और बिजली के विशाल बुनियादी ढांचे और रसद नेटवर्क को इकट्ठा करके एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए हैं।
लाइसेंस के लिए अप्लाई करने पर विचार
खबर के मुताबिक, कंपनी अब भारत के सर्वव्यापी सार्वजनिक डिजिटल भुगतान नेटवर्क, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस(यूपीआई) पर काम करने के लिए लाइसेंस के लिए अप्लाई करने पर विचार कर रही है और सह-ब्रांडेड अदानी क्रेडिट कार्ड के लिए पहले से घोषित योजनाओं को आखिरी रूप देने के लिए बैंकों के साथ बातचीत कर रही है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कंपनी भारत के तेजी से बढ़ते, सरकार समर्थित सार्वजनिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के माध्यम से ऑनलाइन शॉपिंग की पेशकश करने के लिए बातचीत कर रही है।
उपभोक्ता ऐप अडानी वन के जरिए मिलेंगी सुविधाएं
ओएनडीसी और यूपीआई भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना स्टैक का हिस्सा हैं, जो हर महीने करोड़ों यूजर्स को आकर्षित करता है और उपभोक्ता प्रौद्योगिकी व्यवसाय बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले समूहों के बीच लोकप्रिय हो गया है। फाइनेंशियल टाइम्स की खबर के मुताबिक, बेंगलुरु स्थित टेक एक्सपर्ट जयंत कोला ने कहा कि अदानी समूह की तरफ से अगर इस पहल को आखिरी रूप दिया जाता है, तो ये सेवाएं अदानी के उपभोक्ता ऐप अदानी वन के ज़रिए उपलब्ध होंगी, जिसे 2024 के आखिर में लॉन्च किया जाएगा और जो फ़्लाइट और होटल बुकिंग जैसी यात्रा सेवाएं प्रदान करेगा।
फोनपे करती है प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल
फोनपे पहले से ही व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले UPI-आधारित भुगतान ऐप संचालित करते हैं, जबकि Paytm और Tata जैसे घरेलू समूह ONDC के माध्यम से किराना और फ़ैशन खरीदारी की पेशकश करते हैं। इंटरऑपरेबल नेटवर्क का मतलब है कि कंपनियों को अपने स्वयं के मालिकाना भुगतान या ईकॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म में निवेश करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे दूसरे प्रदाताओं के जरिये से लेन-देन कर सकते हैं।
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