Gautam Adani: 25 अगस्त को सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया यानी 'सेबी' ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी। सुप्रीम कोर्ट में पेश रिपोर्ट पर सुनवाई स्थगित हो गई थी। इसी बीच अदाणी समूह ने ऑर्गेनाइडज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) द्वारा लगाए गए छिपे विदेशी निवेशकों के 'दोबारा थोपे गए' आरोपों को कड़ाई से अस्वीकार कर दिया है। अडानी ग्रुप ने एक मीडिया स्टेटमेंट में कहा कि हम अडानी ग्रुप पर लगाए गए ऐसे आरोपों को अस्वीकार करते हैं। इस आशय की खबरें जो प्रकाशित हुई, वो हिंडनबर्ग रिपोर्ट के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित एक कोशिश है, जो कि अप्रत्याशित है। अदानी समूह ने हिंडनबर्ग के दावों को खारिज करते हुए इसे 'भारत पर सुनियोजित हमला' बताया। इसने कहा कि फर्म की रिपोर्ट 'भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता' पर हमला थी। कहा कि ऐसी खबरें हिंडनबर्ग की नाकारा रिपोर्ट को दोबारा हवा देने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग के समर्थन से जॉर्ज सोरोस-फंडेड OCCRP की एक और कोशिश है।
जानिए मीडिया स्टेटमेंट में और क्या कही बात?
अडानी ग्रुप के मीडिया स्टेटमेंट के अनुसार विशेष रूप से ये एफपीआई पहले से ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच का हिस्सा हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति के अनुसार न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) आवश्यकताओं के उल्लंघन या स्टॉक की कीमतों में हेरफेर का कोई सबूत नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन प्रकाशनों ने, जिन्होंने हमें प्रश्न भेजे थे, हमारी प्रतिक्रिया पूरी तरह से प्रकाशित नहीं करने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद में ओसीसीआरपी की रिपोर्ट ने अडानी की मुश्किलों को और बढ़ा दिया। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि कि गौतम अडानी ग्रुप द्वारा शेयरों के साथ गड़बड़ी का मामला हुआ है। OCCRP की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीको से खुद अपने शेयर्स खरीद कर के स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश कर रखा है। ऐसे आरोपों का अडानी ग्रुप द्वारा अपने मीडिया स्टेटमेंट में खंडन किया गया है।
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