अडाणी ग्रुप ने हाइफा बंदरगाह का अधिग्रहण करने के लिए पूरे 1.2 अरब डॉलर का भुगतान किया, इजरायल के राजदूत ने दी जानकारी
आपको बता दें कि पिछले महीने अडाणी ग्रुप ने 1.2 अरब डॉलर में हाइफा के रणनीतिक इजरायली बंदरगाह का अधिग्रहण किया था। इसके अलावा अडाणी ग्रुप समूह ने तेल अवीव में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब खोलने और इजरायल में और अधिक निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
अडाणी ग्रुप को लेकर अच्छी खबर आई है। अडाणी ग्रुप ने हाइफा बंदरगाह का अधिग्रहण करने के लिए पूरे 1.2 अरब डॉलर का भुगतान कर दिया है। भारत में इजरायल के राजदूत नौर गिलोन ने यह अहम जानकारी दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में अडाणी ग्रुप इजरायल के अन्य क्षेत्रों में अपना निवेश बढ़ाएगा। आपको बता दें कि पिछले महीने अडाणी ग्रुप ने 1.2 अरब डॉलर में हाइफा के रणनीतिक इजरायली बंदरगाह का अधिग्रहण किया था। इसके अलावा अडाणी ग्रुप समूह ने तेल अवीव में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब खोलने और इजरायल में और अधिक निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी। इस पर आज इजरायल के राजदूत नौर गिलोन ने जानकारी देते हुए कहा कि भूमध्यसागर में हमारे दो बंदरगाह हैं। हाइफा बंदरगाह एक रणनीतिक संपत्ति है। हम इसे एक भारतीय कंपनी को दे रहे हैं। अपनी रणनीतिक संपत्ति को भारत के हाथों में देना दोनों देशों का एक दूसरे पर गहरे भरोसे का प्रतीकात्मक संकेत है।
भारत की कई कंपनियों ने इजरायल में किया निवेश
भारत में इजरायल के राजदूत ने कहा कि भारत से सिर्फ अडाणी ग्रुप ही नहीं बल्कि देश के और भी कई बड़े उद्योगपति और और कंपनियां इजरायल में अपने व्यवसाय को दोनों देशों के बीच बेहतर माहौल और साझेदारी को आगे बढ़ा रहे हैं। इजरायल में टाटा संस समेत करीब 80 से ज्यादा कंपनियों और उद्योगपतियों की भागीदारी बनी हुई है। इसे और आगे ले जाने के लिए दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इजरायल के राजदूत नौर गिलोन ने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता होता है तो इससे न सिर्फ दोनों देशों को न सिर्फ फायदा होगा, बल्कि व्यापारिक निवेश को बढ़ावा भी मिलेगा। इस अवसर पर अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने कहा, हाइफा बंदरगाह का अधिग्रहण रियल स्टेट के विकास के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। मैं आपसे वादा करता हूं कि आने वाले वर्षों में हम आस पास के क्षेत्र को भी बदल देंगे।
अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट
घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रूख के बीच अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बुधवार को बड़ी गिरावट आई। समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। समूह की दस सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन बुधवार को 51,294.04 करोड़ रुपये घट गया। बीएसई पर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 10.43 प्रतिशत टूटकर 1,404.85 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 11.94 प्रतिशत टूटकर 1,381.05 रुपये तक आ गया था। अडाणी पोर्ट्स का शेयर 6.25 प्रतिशत, अडाणी पावर, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी टोटल गैस सभी के शेयर पांच प्रतिशत नीचे आ गए। अडाणी ग्रीन एनर्जी में 4.99 प्रतिशत, अडाणी विल्मर में 4.99 प्रतिशत और अंबुजा सीमेंट्स में 4.92 प्रतिशत की गिरावट आई। एनडीटीवी 4.13 प्रतिशत तथा एसीसी 3.97 प्रतिशत नुकसान में रहा। सुबह के कारोबार में समूह की कई कंपनियों के शेयर अपने निचले सर्किट पर पहुंच गये थे।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से शेयरों में लगातार गिरावट
अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। इस रिपोर्ट में समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है। इस रिपोर्ट के आने के बाद, 24 जनवरी से सभी दस सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 11,62,030.29 करोड़ रुपये घट गया है। इक्विटी ब्रोकिंग कंपनी स्टॉकबॉक्स में मुख्य तकनीकी विश्लेषक रोहन शाह ने कहा, ‘‘अडाणी समूह का बाजार पूंजीकरण करीब 25 लाख करोड़ रुपये से 70 फीसदी घटकर 7.55 लाख करोड़ रुपये रह गया है।