अडाणी ग्रुप की फिर बादशाहत लौटने लगी है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद ग्रुप की कंपनियों में भूचाल आ गया था। शेयर बाजार में सूचिबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप घटकर आधा रह गया था। हालांकि, सारे आरोपों को पीछे छोड़ते हुए ग्रुप एक बार फिर से कारोबारी जगत में अपना परचम लहराना शुरू कर दी है। हाल में आई तिमाही रिजल्ट में ग्रुप कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। अब ग्रुप के लिए एक और अच्छी खबर आ रही है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में ताजपुर गहरे समुद्र बंदरगाह परियोजना पर राज्य सरकार और अडाणी समूह के बीच बातचीत जारी है। राज्य सरकार की मंत्री शशि पांजा ने यह जानकारी दी है। इस परियोजना को उद्योगपति गौतम अडाणी के व्यापारिक समूह द्वारा विकसित किया जाना है।
अडाणी ग्रुप से डेवलपमेंट के लिए बातचीत चल रही
भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में पश्चिम बंगाल दिवस पर पांजा ने कहा कि बातचीत चल रही है। उनसे सौदे और बंगाल वैश्विक व्यापार सम्मेलन (बीजीबीएस) में अडाणी समूह की गैर-मौजूदगी के बारे में पूछा गया था। पांजा ने कहा कि एक अस्थायी एलओआई (आशय पत्र) था, जो ताजपुर के विकास के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को दिया गया था। इसके बाद भारत सरकार के चार विभागों- मालवाहन, रक्षा, गृह मामलों और बाहरी मामलों के विभागों से अपेक्षित अनुमति मांगी गई।
गृह मंत्रालय ने सशर्त सुरक्षा मंजूरी दे दी
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने सशर्त सुरक्षा मंजूरी दे दी है और कुछ टिप्पणियां की हैं। राज्य सरकार और अडाणी समूह इस पर काम कर रहे हैं। हमने स्पष्टीकरण मांगा है। बातचीत जारी है। हाल ही में आयोजित बीजीबीएस में अडाणी समूह की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता ने कहा, “मुझे लगता है कि आप उनसे पूछ सकते हैं। उन्हें आमंत्रण दिया गया था। बीजीबीएस से अडाणी समूह की अनुपस्थिति से ताजपुर बंदरगाह परियोजना में उसकी भूमिका को लेकर सवाल उठे थे।
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