प्रोडक्शन-लिंक्ड इनिशिएटिव (PLI) स्कीम के जरिए आने वाले कुछ वर्षों में भारत में 3 से 4 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश आ सकता है। बता दें, भारत में मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 14 सेक्टरों के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम चलाई जा रही है। इस निवेश से सेमीकंडक्टर, सोलर मॉड्यूल और फार्मा सेक्टर में करीब 2 लाख नए रोजगार पैदा हो सकते हैं।
कैपिटल एक्सपेंडिचर तेजी से बढ़ रहा
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए का कहना है कि अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ मध्यम अवधि में निजी सेक्टर के पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह पीएलआई जैसी स्कीम का आना है। आईसीआरए का कहना है कि मजबूत मांग और कंपनियों द्वारा आपूर्ति को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के कारण मेटल, स्पेशलिटी केमिकल और ऑटोमोटिव सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है।
14 सेक्टरों के लिए पीएलआई स्कीम शुरू
सरकार द्वारा अब तक 14 सेक्टरों के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की जा चुकी है। इसमें मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और विशेष इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, एपीआई और ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स, टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक/आईटी प्रोडक्ट्स, उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल और अन्य सेक्टर शामिल है। सरकार की ओर से कहा गया कि पीएलआई का उद्देश्य मुख्य सेक्टर में निवेश और नई टेक्नोलॉजी को आकर्षित करना है। साथ ही घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है।
मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बड़ा सहारा मिला
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल भी अपने मंत्रालय के अधिकारियों से कह चुके हैं कि पीएलआई और मुक्त व्यापार समझौते जैसे इनिशिएटिव लाने होंगे, जिससे घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। पीएलआई स्कीम से भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बड़ा सहारा मिला है। एप्पल इसका चमकता हुआ उदाहरण है। एप्पल की ओर से वित्त वर्ष 2024 में कुल 14 अरब डॉलर के आईफोन का प्रोडक्शन किया गया है। इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में करीब 2 अरब डॉलर के आईफोन का निर्यात किया गया है।
इनपुट: आईएएनएस
Latest Business News