केंद्रीय केबिनेट ने बुधवार को देश में 5G स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी देकर बड़े तकनीकी बदलाव पर मुहर लगा दी है। केबिनेट के फैसले के अनुसार स्पेक्ट्रम नीलामी अगले महीने यानि जुलाई से शुरू होगी। इस बीच हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि भारत में 5G का आगाज कर होगा। कब से लोग सुपरफास्ट इंटरनेट का प्रयोग कर सकेंगे। कुछ लोग कह रहे हैं कि 15 अतस्त से इसकी शुरुआत होगी तो कई विशेषज्ञ जनवरी 2023 तक इसकी शुरुआत की उम्मीद जता रहे हैं।
इसका जवाब केंद्रीय दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया है। वैष्णव के अनुसार देश में सितंबर से 5G की शुरुआत हो सकती है। वैष्णव ने कहा, 5G स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया आज शुरू हो गई। स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई के अंत तक पूरी होगी।
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इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में जुटीं कंपनियां
दूरसंचार कंपनियां साथ-साथ इसके लिए ढांचा तैयार करने में जुटी हैं। 5जी सेवाएं इस साल अगस्त-सितंबर में शुरू हो सकती हैं। वैष्णव ने कहा, ‘‘नीलामी समय पर शुरू हो रही है। नीलामी के लिए जुलाई का समय रखा गया था। 5जी सेवाएं शुरू करने की समयसीमा अगस्त-सितंबर है।’’
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20 साल के लिए नीलामी
केंद्रीय केबिनेट की ओर से आधिकारिक बयान के अनुसार 20 वर्ष की वैधता वाले कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की जुलाई माह के अंत तक नीलामी की जाएगी। स्पैक्ट्रम की नीलामी लो (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz), मिड (3300 MHz) और हाई (26 MHz) फ्रीक्वेंसी बैंड के लिए होगी। बताया गया है कि मंत्रिमंडल ने इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए निजी उपयोग वाले नेटवर्क की स्थापना को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। इस बार की स्पेक्ट्रम नीलामी में सरकार ने कई राहतों और रियायतों की घोषणा भी की है। स्पेक्ट्रम के लिए अग्रिम भुगतान की आवश्यकता को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही सफल बोलीदाता 5जी स्पेक्ट्रम के लिए 20 ‘ईएमआई’ में भुगतान कर सकते हैं।
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