मुंबई। 2022 का साल देश की स्टार्टअप क्रांति के लिए महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 50 स्टार्टअप 2022 में यूनीकॉर्न बन सकते हैं। यानी उनका मूल्यांकन बढ़कर एक अरब डॉलर से अधिक हो सकता है। यह रिपोर्ट बताती है कि किस तरह भारतीय स्टार्टअप का आकार बढ़ रहा है। इस स्टार्टअप क्रांति का सबसे बड़ा फायदा युवाओं को मिलेगा। ये स्टार्टअप इन युवाओं को आगे बढ़ने के और नौकरी के मौके देंगे।
सोमवार को आई इस रिपोर्ट में कहा गया कि 2022 में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप की कुल संख्या 100 से अधिक हो सकती है। भारत में 2021 के दौरान सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के मूल्यांकन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली और इस दौरान यूनीकॉर्न की संख्या बढ़कर 68 हो गई। देश ने 2021 में 43 यूनीकॉर्न जोड़े।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक सिर्फ अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया गया। फर्म के पार्टनर अमित नवका ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में वृद्धि स्तर के सौदे तेजी से बढ़े, जो यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने की क्षमता रखने वाली कंपनियों के मजबूत आधार को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के प्रति बाजार की धारणा अनुकूल है, और 2022 के अंत तक यूनिकॉर्न की संख्या 100 से अधिक हो जाएगी।
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