भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 4.7 करोड़ नौकरियां जोड़ी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था के 27 क्षेत्रों में कुल नियोजित लोगों की संख्या बढ़कर 64.33 करोड़ हो गई है। मार्च, 2023 के आखिर में इन 27 क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या 59.67 करोड़ थी। आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर ‘उद्योग स्तर पर उत्पादकता मापन - भारत केएलईएमएस आंकड़े’ शीर्षक के तहत ये आंकड़े प्रकाशित किए हैं। यहां केएलईएमएस का आशय पूंजी (के), श्रम (एल), ऊर्जा (ई) सामग्री (एम) और सेवा (एस) से है।
6% बढ़ी कार्यरत लोगों की संख्या
आंकड़ों में संपूर्ण भारतीय अर्थव्यवस्था के 27 उद्योगों को शामिल किया गया है। इस तरह कृषि, व्यापार और वित्तीय सेवाओं सहित 27 क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की संख्या 2023-24 में छह प्रतिशत बढ़ी। जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में इसमें 3.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। केएलईएमएस आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में कुल रोजगार 2019-20 के 53.44 करोड़ से बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में ‘कृषि, शिकार, वानिकी और मछली’ क्षेत्र ने 25.3 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार दिया था। यह आंकड़ा 2021-22 में 24.82 करोड़ था।
8 करोड़ से अधिक रोजगार के मौके पैदा हुए
इसके अलावा उल्लेखीय रोजगार देने वाले क्षेत्रों में निर्माण, व्यापार तथा परिवहन और भंडारण शामिल थे। आरबीआई ने कहा कि दस्तावेज ‘भारत केएलईएमएस डेटाबेस संस्करण-2024’ को आर्थिक वृद्धि और इसके प्रमुख क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2017-18 से लेकर 2021-22 के दौरान आठ करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए। इस तरह प्रति वर्ष औसतन दो करोड़ से अधिक रोजगार पैदा हुए और 2020-21 के दौरान कोविड-19 महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों के बावजूद ऐसा देखने को मिला। बयान के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण रोजगार सृजन विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी पहलों की दक्षता को दर्शाता है।
(भाषा)
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