2000 Rupee Note Exchange: 2,000 रुपये के नोट बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। देश के कुछ हिस्सों में नोट बदलने को लेकर भीड़ देखी जा रही है तो वहीं कई जगह शांति से बैंक में नोट बदले जा रहे हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल आ रहा है कि क्या इससे इकोनॉमी पर असर पड़ेगा, जिस तरह 2016 में हुए नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई थी। सवाल ये भी है कि बाजार में 2,000 रुपये के कितने नोट मौजूद हैं? आरबीआई क्या इसके लिए कोई आसान तरीका बनाने जा रहा है। आज की स्टोरी में हम आपके इन्हीं सब सवालों का जवाब देंगे।
क्या कहती है रिपोर्ट?
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अध्ययन में कहा गया है कि 2,000 रुपये का नोट वापस लेने के रिजर्व बैंक के फैसले से लिक्विडिटी, बैंक जमा और ब्याज दरों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। दो हजार रुपये के नोट को बदलने या जमा करने के लिए 131 दिन का समय दिया गया है। नोट बदलने या जमा करने की शुरुआत मंगलवार से हो गई है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोट के तौर पर कुल 3.6 लाख रुपये की मुद्रा मौजूद है और यह पूरी राशि बैंकिंग प्रणाली में वापस आने की उम्मीद है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2,000 रुपये के कुल नोट में से 10 से 15 प्रतिशत करेंसी चेस्ट में होंगे।
रिपोर्ट कहती है कि इस बार 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं है, लेकिन इसका नकदी, बैंक जमा और ब्याज दरों पर अनुकूल असर देखने को मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल भुगतान के मामले में भारत मूल्य और मात्रा के हिसाब से लगातार नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। हालांकि नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष पहले भी बता चुके हैं कि इससे इकोनॉमी पर असर नहीं देखने को मिलेगा। अब वाकई में यह बात कितनी सही होगी? यह आने वाला समय निर्धारित करेगा।
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