देश में रोजगार पैदा करने में स्टार्टअप अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसी कड़ी में IIM काशीपुर ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा समर्थित वार्षिक उद्यमिता शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें देश के 15 एग्री स्टार्टअप ने 5 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल करने में सफलता प्राप्त की। इस आयोजन में देश-प्रदेश के करीब 100 से अधिक स्टार्टअप और लगभग 20 निवेशकों की मेजबानी की। उत्तिष्ठ 2023 के अंतर्गत तीन दिवसीय कार्यक्रम में नेशनल बिजनेस प्लान पिचिंग प्रतियोगिता, इन्वेस्टर्स मीट, कृषि मेला और एंटरप्रेन्योर्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।
देश भर से आए हुए कृषि स्टार्टअप्स के फाउंडर ने निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों के सामने अपने बिजनेस आईडिया प्रस्तुत किए। कई स्टार्टअप्स ने शानदार आइडिया पेश किए, जैसे कि बांस के फाइबर से बने कपड़ों की रेंज, गाय के गोबर से बने इंटीरियर डिजाइन के सामान, बांस से बनी क्रॉकरी रेंज, लकड़ी के कचरे से बने खिलौनों की एक श्रृंखला, कृषि क्षेत्रों में कीटनाशक छिड़काव के लिए एक ड्रोन, शहद के कोटिंग वाले सूखे मेवे, जैविक खाद, स्वास्थ्य उत्पाद, हस्तशिल्प और हाथ से बुने हुए सामान, साथ ही कृषि उपज से बनी इम्युनिटी बूस्टर, रीसाइकल्ड फूलों से बनी अगरबत्ती आदि।
आईआईएम काशीपुर के निदेशक प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी ने कहा, आईआईएम काशीपुर का एफआईईडी प्लेटफॉर्म सही रूप से ‘उत्तिष्ठ’ के स्तर तक पहुंच गया है। हम राज्य और केंद्र सरकार के समर्थन से उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर गृह राज्य में सामाजिक-आर्थिक बदलाव ला रहे हैं। एफआईईडी टीम ने 140 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया है और इनमें से लगभग 40 से अधिक स्टार्टअप्स ने 3.2 अरब रुपये से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इन स्टार्टअप्स ने 1200 से अधिक का प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित किया है और पांच लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाया है। हमने उद्यमियों की सही प्रतिभा की पहचान की है और उन्हें सफलता की सीढ़ी चढ़ने में पूरा समर्थन प्रदान किया है।
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