भारत और चार देशों के यूरोपीय ब्लॉक ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर आज रविवार को साइन हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को कहा कि भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता एक मुक्त, निष्पक्ष और समानता वाले व्यापार के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि डिजिटल व्यापार, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तथा फार्मा जैसे क्षेत्रों में इनोवेशन को लेकर ईएफटीए देशों की वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थिति से सहयोग के नए द्वार खुलेंगे। मोदी ने एक लिखित संदेश में कहा, ‘‘भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर करने में शामिल वार्ताकारों और हस्ताक्षरकर्ताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।’’
11 वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकॉनोमी बना भारत : मोदी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईएफटीए देशों के मंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले 10 साल में भारत की अर्थव्यवस्था ने एक लंबी छलांग लगाई है। दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।’’ यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के सदस्य देशों में आइसलैंड, लीशटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
समझौते में हैं 14 अध्याय
इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई थी। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) समझौते पर बातचीत कर रहे थे। समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं। ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मैक्सिको और कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 एफटीए हैं। मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, उनके बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं।
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