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Hindi News पैसा बिज़नेस शेयर गिरवी रखने में सबसे आगे हैं Zee Group और अनिल अंबानी की कंपनियां, 95% से अधिक हिस्‍सेदारी रखी गिरवी

शेयर गिरवी रखने में सबसे आगे हैं Zee Group और अनिल अंबानी की कंपनियां, 95% से अधिक हिस्‍सेदारी रखी गिरवी

प्रवर्तक पारंपरिक रूप से अपने दूसरे कारोबार के लिए धन जुटाने के वास्ते अपनी सूचीबद्ध कंपनियों की हिस्सेदारी जमानत के रूप में गिरवी रखते हैं।

Zee group,Anil Ambani firms lead in share pledges with lenders- India TV Paisa Image Source : ANIL AMBANI Zee group,Anil Ambani firms lead in share pledges with lenders

मुंबई। ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्‍टीट्यूशनल इक्विटी द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कर्जदाताओं के पास शेयर गिरवी रखने के मामले में जी समूह और अनिल अंबानी की कंपनियां सबसे आगे हैं। अनिल अंबानी की स्‍वामित्‍व वाली दो कंपनियों ने मार्च 2019 के अंत में 95 प्रतिशत से अधिक प्रवर्तक शेयर कर्जदाताओं के पास गिरवी रखे हुए थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुभाष चंद्रा के नेतृत्व वाले एस्सल समूह की दो कंपनियों जी एंटरटेनमेंट और डिश टीवी के प्रवर्तकों की क्रमश: 66.2 प्रतिशत और 94.6 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रखी थी। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी की ओर से तैयार यह रिपोर्ट आईएलएंडएफएस के कर्ज संकट के बीच आई है। आईएलएंडएफएस के कर्ज अदायगी में चूक करने से गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) के सामने दिक्कतें खड़ीं हो गई हैं।

प्रवर्तक पारंपरिक रूप से अपने दूसरे कारोबार के लिए धन जुटाने के वास्ते अपनी सूचीबद्ध कंपनियों की हिस्सेदारी जमानत के रूप में गिरवी रखते हैं। अनिल अंबानी का रिलायंस समूह और एस्सल समूह इन दिनों मुश्किल भरे दौर से गुजर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि प्रवर्तकों ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में अपनी 98.3 प्रतिशत और रिलायंस कैपिटल में 96.9 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रखी थी। 

बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध शीर्ष 500 कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्य के आधार पर प्रवर्तकों की गिरवी रखी गई हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही की तुलना में मार्च 2019 तिमाही में घटी है। मार्च तिमाही के अंत में प्रवर्तकों की गिरवी रखी हिस्सेदारी घटकर 2.83 प्रतिशत रह गई। दिसंबर 2018 तिमाही में यह 2.98 प्रतिशत थी। 

प्रवर्तकों के शेयर गिरवी रखने के एवज में बकाया मार्च 2019 तक 1.95 लाख करोड़ रुपए था। यह बीएसई-500 सूचकांक के बाजार पूंजीकरण की तुलना में करीब 1.38 प्रतिशत है। शीर्ष 500 कंपनियों में से 116 कंपनियों ने शेयर गिरवी रखे थे। अंबानी समूह की कंपनियां रिलायंस इंफ्रा और रिलायंस कैपिटल उन कंपनियों में से हैं, जहां प्रवर्तकों ने अपनी 95 प्रतिशत से अधिक शेयर गिरवी रखे थे। 

दोनों कंपनियां उन इकाइयों की सूची में भी हैं, जिनमें तिमाही के दौरान गिरवी रखे गए शेयरों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई है। हालांकि, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रवर्तकों के गिरवी रखी हिस्सेदारी में तिमाही के दौरान गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा स्ट्राइड्स फार्मा, कॉफी डे एंटरप्राइजेज और बजाज कंज्यूमर केयर की गिरवी पड़ी हिस्सेदारी में भी कमी दर्ज की गई है। 

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