नई दिल्ली| कोविड-19 से संबंधित झूठे दावों को ध्वस्त करने के उद्देश्य से, वीडियो-स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने पिछले छह महीनों में कोविड-19 वैक्सीन के बारे में गलत जानकारी साझा करने पर 30,000 से अधिक वीडियो हटा दिए हैं। एक्सियोस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो-स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने फरवरी 2020 से कोविड-19 गलत सूचना वाले 800,000 से अधिक वीडियो को हटा दिया है। वीडियो को पहले कंपनी के एआई सिस्टम या मानव समीक्षकों द्वारा फ्लैग किया जाता है और फिर समीक्षा के एक और स्तर के बाद इस पर फैसला लिया जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूट्यूब के नियमों के अनुसार वैक्सीन नीति का उल्लंघन करने वाले वीडियो सामग्री हटा दी गई है। फेसबुक और ट्विटर सहित अन्य प्लेटफार्मों ने भी इस तरह की सामग्री के प्रसार और पहुंच को कम करने के लिए नीतियां बनाई हैं। हाल ही में माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कोविड-19 टीकाकरण के बारे में भ्रामक ट्वीट के खिलाफ स्ट्राइक सिस्टम शुरू करते हुए कड़ी कार्रवाई की शुरूआत की है और पांच या अधिक स्ट्राइक के कारण अकाउंट को स्थायी तौर पर निलंबित कर दिया जाएगा।
कोविड-19 के लिए अभियान शुरू करने के बाद से ट्विटर ने कहा है कि उसने 8,400 से अधिक ट्वीट हटा दिए हैं और दुनिया भर में 1.15 करोड़ अकाउंट्स पर कार्रवाई भी की है। फिलहाल दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया में तमाम तरह के दुष्प्रचार चल रहे हैं। भारत में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहें चल रही हैं। इसी वजह से वैक्सीनेशन की शुरुआत में सुस्ती देखने को मिली थी। अफवाहों पर कई बार विपक्ष ने भी सरकार से सफाई मांगी थी। हालांकि अब प्रधानमंत्री के द्वारा वैक्सीन लेने पर अभियान में तेजी देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स और धार्मिक पहलू से जुड़ी अफवाहें ज्यादा फैलाई जा रही हैं।
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