नई दिल्ली। आयकर विभाग ने देश के बड़े बैंकों से उन सेवाओं पर टैक्स की मांग की है जिन सेवाओं को बैंक मिनिमम बैलेंस की शर्त को पूरा करने वाले ग्राहकों को मुहैया कराते हैं। अपने खातों में मिनिमम बैलेंस रखने वाले ग्राहकों को बैंक एक सीमा तक फ्री ATM ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं और साथ में चेकबुक और डेबिट कार्ड भी फ्री में देते हैं। अब आयकर विभाग ने इस तरह की तमाम सेवाओं पर बैंकों से टैक्स की मांग की है और बैंक अगर इस मांग को पूरा करते हैं तो टैक्स की भरपायी के लिए वह ग्राहकों से शुल्क वसूलना शुरू कर सकते हैं।
अंग्रेजी समाचार पत्र ईटी की खबर के मुताबिक डायरेक्टर जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (DGGST) की तरफ से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक, ICICI बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को फ्री सेवाओं टैक्स के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिन खातों में बैंक की तरफ से निर्धारित लिमिट से कम कैश होता है, उसपर बैंक शुल्क वसूलते हैं और टैक्स उसी वसूले गए शुल्क पर निर्धारित होता है। इस तरह के खातों पर प्रति खाता जितना शुल्क बनता है, उसे न्यूनतम बैलेस रखने वाले खातों के लिए फ्री सेवाएं देने के एवज में औसत शुल्क समझा जाता है और उस शुल्क पर टैक्स वसूला जाता है।
खबर के मुताबिक नोटिस मिलने के बाद बैंक चिंतित हैं क्योंकि वह इस तरह के टैक्स को सीधे ग्राहकों से नहीं वसूल सकते, लेकिन अगर उनसे टैक्स लिया जाता है तो वह इसका बोझ ग्राहकों पर डाल सकते हैं। बैंक ऑयकर विभाग के इस नोटिस पर सरकार से बात कर सकते हैं। खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि नोटिस के तहत GST लागू होने से पहले के समय से यह टैक्स वसूला जा सकता है। कुल टैक्स देनदारी लगभग 6000 करोड़ रुपए हो सकती है।
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