नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर के येस बैंक ने शुक्रवार को म्यूचुअल फंड कारोबार से बाहर निकलने की घोषणा की है। बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह संपत्ति प्रबंधन और न्यासी अनुषंगी इकाइयों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगा। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि उसने 21 अगस्त, 2020 को येस बैंक एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) लिमिटेड (येसएएमसी) तथा येस ट्रस्टी लिमिटेड (वाईटीएल) में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी जीपीएल फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड को बेचने के लिए पक्का करार किया है। दोनों येस बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाईयां हैं।
येस बैंक ने कहा कि व्हाइट ओक इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के पास अधिग्रहण करने वाली कंपनी की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेकिन अंतत: खरीदार कंपनी के लाभार्थी प्रशांत खेमका हैं, जिनके पास व्हाइट ओक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की 99.99 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बैंक ने कहा कि इस सौदे के लिए अभी नियामकीय प्राधिकरणों से आवश्यक मंजूरी ली जानी है। येसएएमसी येस म्यूचुअल फंड की संपत्ति प्रबंधन कंपनी है। वहीं वाईटीएल येस म्यूचुअल फंड की ट्रस्टी है। येस बैंक ने कहा कि यह सौदा पूरा होने के बाद येसएएमसी और वाईटीएल बैंक की अनुषंगी इकाईयां नहीं रह जाएंगी और वह म्यूचुअल फंड कारोबार से निकल जाएगा। बैंक ने कहा कि पक्के करार के क्रियान्वयन से 8 से 12 माह के दौरान वह अपनी अनुषंगियों के बिक्री सौदे को पूरा कर लेगा।
वर्तमान में बैंक का कोई प्रवर्तक नहीं है। वित्त वर्ष 2019-20 में येसएएमसी की राजस्व भागीदारी 33 लाख रुपए रही, जो प्रतिशत में नगण्य है। वर्ष के दौरान एएमसी का शुद्ध संपत्ति हिस्सेदारी 49.7 करोड़ रुपए है, जो प्रतिशत में नगण्य है। वाईटीएल का राजस्व और शुद्ध संपत्ति हिस्सेदारी साल के दौरान शून्य रही। जीपीएल फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड एक एनबीएफसी है, जो येसएएमसी और वाईटीएल का 100 प्रतिशत अधिग्रहण करेगी। बीएसई पर येस बैंक का शेयर शुक्रवार को 1.21 प्रतिशत घटकर 15.57 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुआ।
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