नई दिल्ली। देश में निजी क्षेत्र के बड़े बैंक यस बैंक ने अपने करीब 2500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह बैंक की कुल कर्मचारियों की संख्या का करीब 10 फीसदी हिस्सा है। बैंक ने कर्मचारियों को निकालने की वजह खराब प्रदर्शन, ज्यादा स्टॉफ और डिजिटाइजेशन को बताया है। यस बैंक से पहले इस साल देश में निजी क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने भी मार्च तक 11000 कर्मचारियों की छुट्टी की थी।
इस साल बैंकिंग सेक्टर में नौकरियों की कमी देखने को मिली है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस साल कम लोगों को नौकरियों पर रखा है। स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने खुद कहा था कि बैंक की तरफ से इस साल कम लोगों को नौकरी पर रखा जाएगा। बैंक में कलर्क के पद के लिए कम भर्तियां होंगी जबकि अधिकारी के पद के लिए साल अंत तक भर्तियां बढ़ सकती हैं। स्टेट बैंक ने अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के दौरान कुल 13,097 लोगों को नौकरी पर रखा है जबकि 11,264 लोग रिटायर हुए हैं।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमेशन की वजह से बैंकों में नौकरियों में कमी आ रही है। कई सरकारी और निजी बैंक गैर जरूरी जगहों पर स्टाफ को हटाकर वहां रोबोटिक तकनीक के जरिए काम ले रहे हैं ऐसे में भविष्य में बैंकिंग सेक्टर में नौकरियां घटने की आशंका बढ़ गई है।
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