नई दिल्ली। नीति आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढि़या ने आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय पर एक तरह से कटाक्ष करते हुए हुए कहा कि शब्दों के गलत चयन से कभी कभी बड़ी खबर बन जाती है। देबरॉय ने इसी सप्ताह बयान दिया था कि कृषि आय पर कर लगाया जा सकता है। उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था। पनगढि़या ने यह बात देबरॉय के इस बयान के संदर्भ में ही कही है।
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पनगढि़या ने यहां स्मार्ट शहरों के एक कार्यशाला में संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। इस कार्यक्रम को सबसे पहले देबरॉय ने ही संबोधित किया। कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। देबरॉय ने कहा कि हम इस बात से काफी गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं कि हमारे केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग ऑस्ट्रेलिया से हैं वे संभवत: यह नहीं जानते कि नायडू कैसे क्षण भर में किसी बात के लिए कोई नया लघु-शब्द गढ़ लेते हैं। पनगढि़या ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नायडू जो लघु-शब्द गढ़ते हैं वे अर्थपूर्ण होते हैं। लेकिन भाषण में कुछ गलत शब्दों के चयन से बड़ी खबर बन जाती है।
बिबेक देबरॉय ने कृषि आय को कर के दायरे में लाए जाने की कहा थी बात
देबरॉय ने इसी सप्ताह एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कृषि आय को कर के दायरे में लाया जा सकता है। उनके इस बयान से सरकारी हलके में हंगामा मच गया था। देबरॉय ने कहा था कि व्यक्तिगत आयकर पर भी छूट समाप्त होनी चाहिए। व्यक्तिगत आयकर का दायरा बढ़ाने के लिए अलावा (छूटों को समाप्त करने के अतिरिक्त), ग्रामीण क्षेत्र पर भी कर लगना चाहिए। कृषि आय पर एक निश्चित सीमा के बाद कर लगना चाहिए। राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील उनके बयान के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मॉस्को से बयान जारी कर कहा था कि सरकार का कृषि आय पर कर लगाने का कोई इरादा नहीं है।
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