नई दिल्ली। सब्जियों के साथ अन्य खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी से सितंबर माह में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर 3.57 प्रतिशत पर आ गई है। अगस्त में यह 3.74 प्रतिशत पर थी। सितंबर, 2015 में थोक मुद्रास्फीति शून्य से 4.59 प्रतिशत नीचे थी। खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी से थोक मुद्रास्फीति नीचे आई है।
- माह के दौरान सब्जियों की मुद्रास्फीति शून्य से 10.91 प्रतिशत नीचे थी।
- जुलाई में इस वर्ग में मुद्रास्फीति 28.45 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी।
- समीक्षाधीन अवधि में प्याज की मुद्रास्फीति भी शून्य से 70.52 प्रतिशत नीचे थी।
- वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सितंबर में दालों की मुद्रास्फीति 23.99 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी।
- समीक्षाधीन अवधि में आलू पर सबसे अधिक मुद्रास्फीतिक दबाव देखा गया। इसकी महंगाई दर 73.31 प्रतिशत पर थी।
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- इसी तरह माह के दौरान फलों के दाम 14.10 प्रतिशत बढ़े।
- कुल मिलाकर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में सितंबर में अच्छी गिरावट देखी गई।
- माह के दौरान यह घटकर 5.75 प्रतिशत पर आ गई। अगस्त में यह 8.23 प्रतिशत पर थी।
- थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर, 2014 से मार्च, 2016 तक नकारात्मक दायरे में थी।
- अगस्त तक इसमें लगातार छह महीने वृद्धि हुई।
- सितंबर में मुद्रास्फीति नीचे आई। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 2.48 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 2.42 प्रतिशत पर थी।
- इसी तरह चीनी की मुद्रास्फीति 32.92 प्रतिशत तथा पेट्रोल की 1.25 प्रतिशत रही।
- सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई है, जो इसका 13 महीने का निचला स्तर है।
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