नई दिल्ली। थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है। जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक 1.88 फीसदी के स्तर पर रहा जो जून में 0.90 फीसदी था। पिछले साल इसी महीने के दौरान थोक महंगाई दर 0.63 फीसदी थी। अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि जुलाई में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर 1.3 फीसदी के स्तर पर रहेगी।
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मासिक आधार पर जुलाई में सब्जियों की महंगाई दर -21.16 से बढ़कर 21.95 फीसदी हो गई है। वहीं टमाटर की कीमतें बढ़ने से खाद्य महंगाई जुलाई में महीने दर महीने आधार पर -1.25 फीसदी से बढ़कर 2.12 हो गई है। जुलाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की थोक महंगाई दर जून के 2.27 फीसदी से घटकर 2.18 फीसदी पर रही है। मासिक आधार पर जुलाई में ईंधन, पावर की थोक महंगाई दर 5.28 फीसदी से घटकर 4.37 फीसदी के स्तर पर रही है।
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सब्जियों के अलावा जिन खद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई उनमें अंडा, मांस और मछली शामिल हैं। इनकी थोक महंगाई दर 3.30 फीसदी के स्तर पर रही। फलों का थोक महंगाई दर में 2.71 फीसदी धान में 3.47 फीसदी और अनाज की थोक महंगाई दर में 0.63 फीसदी की बढ़ोतरी जुलाई में दर्ज की गई। बता दें कि आज शाम में रिटेल महंगाई दर के आंकड़े जारी किए जाएंगे।
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