नई दिल्ली। खाद्य पदार्थो और ईंधन की कीमतें ऊंची होने के कारण बीते महीने अगस्त में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.16 प्रतिशत हो गई। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर 0.16 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि इससे पूर्व महीने में शून्य से नीचे थी। थोक महंगाई दर जुलाई में ऋणात्मक (माइनस) 0.58 प्रतिशत दर्ज की गई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर अगस्त महीने में 0.16 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल इसी महीने में 1.17 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक आधारित खाद्य पदार्थो की सालाना थोक महंगाई दर अगस्त में 4.07 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि एक महीने पहले जुलाई में यह 4.32 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मतलब जुलाई के मुकाबले अगस्त में खाद्य पदार्थो की महंगाई दर में कमी आई है।
अगस्त के दौरान खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 3.84 प्रतिशत रही। आलू की कीमतों में 82.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सब्जियों की महंगाई दर 7.03 प्रतिशत रही। प्याज की मुद्रास्फीति ऋणात्मक 34.48 प्रतिशत रही। र्इंधन और ऊर्जा की मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 9.68 प्रतिशत रही, जुलाई में यह 9.84 प्रतिशत थी। हालांकि विनिर्मित उत्पादों की महंगाई दर 1.27 प्रतिशत रही, जो इससे पहले जुलाई में 0.51 प्रतिशत थी।
आरबीआई ने अपनी अंतिम नीतिगत समीक्षा बैठक में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखते हुए कहा था कि उसे महंगाई दर बढ़ने की आशंका है। केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि अक्टूबर-मार्च के दौरान मुद्रास्फीति में मामूली कमी आएगी।
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