नई दिल्ली। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर पर जाकर नवंबर में 4.64 प्रतिशत पर रही। इसकी अहम वजह सब्जियों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतें नरम रहना है। अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति 5.28 प्रतिशत थी, जबकि पिछले साल नवंबर में यह 4.02 प्रतिशत थी।
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में खाद्य वस्तुओं की कीमत में 3.31 प्रतिशत अवस्फीति दर्ज की गई है, जबकि नवंबर में यह 1.49 प्रतिशत थी।
सब्जियों की कीमतें घटी है और नवंबर में इसमें 26.98 प्रतिशत अवस्फीति देखी गई, जबकि अक्टूबर में यह 18.65 प्रतिशत थी। वहीं, नवंबर में ईंधन और बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति 16.28 प्रतिशत के स्तर पर उच्च बनी रही, लेकिन यह अक्टूबर की 18.44 प्रतिशत की मुद्रास्फीति के स्तर से कम है। इसकी अहम वजह पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटना है।
खाद्य वस्तुओं में आलू में मुद्रास्फीति नवंबर में 86.45 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, जबकि प्याज और दालों में क्रमश: 47.60 प्रतिशत और 5.42 प्रतिशत कर अवस्फीति दर्ज की गई। नवंबर की 4.64 प्रतिशत मुद्रास्फीति पिछले तीन महीनों में सबसे कम है। इससे पहले अगस्त में मुद्रास्फीति 4.62 प्रतिशत रही थी।
इस हफ्ते की शुरुआत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए गए और नवंबर में वह 2.33 प्रतिशत 17 महीने के निचले स्तर पर रही। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा के लिए मुख्य तौर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर विचार करता है। अच्छे मानसून और खाद्य कीमतों के सामान्य बने रहने का हवाला देते हुए केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 2.7 से 3.2 प्रतिशत तक कर दिया था।
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