नई दिल्ली। विनिर्मित उत्पादों के महंगा होने के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (WPI inflation) नवंबर में 1.55 प्रतिशत बढ़कर नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कुछ नरमी आई। नवबंर में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति फरवरी के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 2.26 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन अवधि में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हुई, हालांकि विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ीं।
खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था। इस दौरान सब्जियों और आलू की कीमतों में तेजी जारी रही। गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी 8.43 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही। इस दौरान ईंधन और बिजली की महंगाई दर ऋणात्मक 9.87 प्रतिशत थी।
अमेरिकी निगरानीकर्ता ने जॉकी के भारतीय साझेदार को किया प्रमाणित
भारत में जॉकी इंटरनेशनल की विशेष लाइसेंसधारी पेज इंडस्ट्रीज ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी वस्त्र उद्योग के एक निगरानीकर्ता ने उसके संयंत्र को एक बार फिर सोशली कम्प्लाइंट (सामाजिक नियमों को मामने वाला) के रूप में प्रमाणित किया है। गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले कंपनी पर आरोप लगे थे कि उसके संयंत्र में मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है।
अमेरिका स्थित वर्ल्डवाइड रिस्पॉन्सिबल एक्रीडिटेड प्रोडक्शन (डब्ल्यूआरएपी) ने पेज इंडस्ट्रीज के बेंगलुरु स्थित संयंत्र की जांच की थी। पेज इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को बताया कि डब्ल्यूआरएपी ने बेंगलुरु स्थित संयंत्र का निरीक्षण किया और उसके एक बार फिर ‘‘सोशली कम्प्लाइंट’’ के रूप में प्रमाणित किया। पेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जॉकी इंडिया) के कार्यकारी निदेशक और सीईओ वेदजी टिक्कू ने कहा कि डब्ल्यूआरपी बेंगलुरु में कंपनी के यूनिट-3 विनिर्माण संयंत्र की स्वतंत्र जांच के बाद पूरी तरह संतुष्ट है।
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