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Hindi News पैसा बिज़नेस WPI मुद्रास्‍फीति अक्‍टूबर में 8 माह की ऊंचाई 1.48 प्रतिशत पर पहुंची, महंगे विनिर्मित उत्‍पादों का पड़ा असर

WPI मुद्रास्‍फीति अक्‍टूबर में 8 माह की ऊंचाई 1.48 प्रतिशत पर पहुंची, महंगे विनिर्मित उत्‍पादों का पड़ा असर

माह के दौरान सब्जियों और आलू में कीमत वृद्धि सबसे ज्यादा क्रमश: 25.23 प्रतिशत और 107.70 प्रतिशत रही। गैर-खाद्य पदार्थों और खनिजों में मुद्रास्फीति भी क्रमश: 2.85 प्रतिशत और 9.11 प्रतिशत रही।

WPI inflation at 8-month high of 1.48 pc in Oct on costlier manufactured items- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO WPI inflation at 8-month high of 1.48 pc in Oct on costlier manufactured items

नई दिल्‍ली। विनिर्मित उत्‍पादों के दाम बढ़ने की वजह से अक्‍टूबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 1.48 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पहले सितंबर, 2020 में यह 1.32 प्रतिशत पर थी। अक्‍टूबर में मुद्रास्‍फीति का यह स्‍तर आठ माह में सबसे ज्‍यादा है। अक्‍टूबर, 2019 में थोक मुद्रास्‍फीति शून्‍य थी। फरवरी के बाद थोक मुद्रास्‍फीति का यह सबसे ऊंचा स्‍तर है। फरवरी, 2020 में डब्‍ल्‍यूपीआई 2.26 प्रतिशत थी।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक हालांकि अक्‍टूबर में खाद्य पदार्थों की कीमत नरम बनी रही लेकिन विनिर्मित उत्‍पादों की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। अक्‍टूबर में खाद्य मुद्रास्‍फीति 6.37 प्रतिशत रही, जो इससे पहले के माह में 8.17 प्रतिशत थी।

माह के दौरान सब्जियों और आलू में कीमत वृद्धि सबसे ज्‍यादा क्रमश: 25.23 प्रतिशत और 107.70 प्रतिशत रही। गैर-खाद्य पदार्थों और खनिजों में मुद्रास्‍फीति भी क्रमश: 2.85 प्रतिशत और 9.11 प्रतिशत रही।  

विनिर्मित उत्‍पादों की श्रेणी में, मुद्रास्‍फीति अक्‍टूबर में 2.12 प्रतिशत रही, जो इससे पहले सितंबर में 1.61 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में कीमत अक्‍टूबर में नरम होकर (-) 10.95 प्रतिशत रही। उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्‍फीति अक्‍टूबर में 7.61 प्रतिशत रही। भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट में रिजर्व बैंक भी मुद्रास्फीति को लेकर चिंता जता चुका है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। 

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