नई दिल्ली। साल 2020 के दौरान दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर का असर सोने की मांग पर पड़ा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार 2020 के दौरान दुनियाभर में सोने की मांग 11 साल में सबसे कम रही है। WGC के अनुसार 2020 के दौरान दुनियाभर में सोने की कुल मांग 3759.6 टन दर्ज की गई है जो 2019 के मुकाबले 14 प्रतिशत कम तथा वर्ष 2009 के बाद सबसे कम वार्षिक मांग है। 2009 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब दुनियाभर में सोने की मांग 4000 टन से नीचे दर्ज की गई हो।
WGC के अनुसार सोने की वैश्विक मांग कमी की मुख्य वजह दुनियाभर में ज्वैलरी की मांग में आई गिरावट है। WGC का कहना है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 2020 के दौरान ज्वैलरी के लिए सोने की कुल मांग 1411.6 टन दर्ज की गई है जो 2019 के मुकाबले 34 प्रतिशत कम है। 2020 में सोने की कीमतों नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची थीं और उस वजह से भी इसकी मांग में कमी देखने को मिली है, भारत में सोने का भाव 50000 रुपए के ऊपर है।
2020 में सिर्फ ज्वैलरी की मांग घटने की वजह से ही सोने की खपत में कमी नहीं आई है बल्कि WGC के अनुसार दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने भी 2020 में कम मात्रा में सोने की खरीद की है जिस वजह से भी वैश्विक मांग घटी है। WGC के अनुसार 2020 में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने सिर्फ 272.9 टन सोना खरीदा है जो 2019 के मुकाबले 59 प्रतिशत कम है। 2020 में खासकर दूसरी छमाही के दौरान सेंट्रल बैंकों की खरीदारी घटी है।
हालांकि सोने की निवेश मांग के लिए 2020 अच्छा रहा है, कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से दुनियाभर के निवेशकों को सोने ने अपनी तरफ आकर्षित किया है, शायद यही वजह है कि 2020 में सोने की छड़ों और सिक्कों की मांग 10 प्रतिशत बढ़कर 896 टन दर्ज की गई है। इतना ही नहीं सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स भी 2020 के दौरान 877.1 टन सोना खरीदा है जो सोने की बढ़ी हुई निवेश मांग को साफ दर्शाता है।
2020 में सिर्फ सोने की मांग में ही गिरावट नहीं आई है बल्कि इसकी सप्लाई भी घटी है, WGC के अनुसार 2020 में दुनियाभर में कुल 4633 टन सोने की सप्लाई दर्ज की गई है जो 2019 के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है।
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