भारत में प्लेन से भी तेज ट्रेन चलाने की योजना, सवा घंटे में पूरा होगा दिल्ली-मुंबई का सफर
आने वाले दिनों में अगर सब कुछ सही रहा तो भारत में हवाईजहाज से भी तेज यानी 1,120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चालने की योजना है।
Ankit Tyagi Sep 18, 2016, 8:49:52 IST
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में अगर सब कुछ सही रहा तो भारत में हवाईजहाज से भी तेज यानी 1,120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चालने की योजना है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने बुलेट ट्रेन से डबल स्पीड में चलने वाली सुपरसोनिक ट्रेन ‘हाइपरलूप’ का पुणे में ट्रायल कराने के संकेत दिए है। अगर यह टेक्नोलॉजी सफल हो जाती है तो दिल्ली से मुंबई तक का सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा हो जाएगा।
नई ट्रेन में यह होंगी खासियत
- इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बुलेट ट्रेन से दोगुनी रफ्तार से चलेगी।
- यह ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर चलेगी।
- यह ट्रेन वैक्यूम (बिना हवा) ट्यूब सिस्टम से गुजरने वाली कैप्सूल जैसी हाइपरलूप 750 मील (1224 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है।
- इस ट्रेन के ध्वनि की गति 1236 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को छूने का लक्ष्य रखा गया है।
- इसका अचानक बिजली से संपर्क टूटता है तो भी इसमें कोई दुर्घटना नहीं होगी।
- हाइपरलूप के पॉड धीरे-धीरे गति कम होने के साथ ही सतह को टच करेंगे और यात्रियों या सामान को कोई नुकसान नहीं होगा।
- खराब मौसम या भूकंप का भी इस पर असर नहीं होगा।
तस्वीरों में देखिए दुनिया की सबसे तेज ट्रेन
World fastest train Hyperloop
क्या है नई टेक्नोलॉजी
- हाईस्पीड ट्रेनों मेगलेव यानी मैग्नेटिक लेविटेशन की तकनीक किसी वाहन को हवा में ऊपर उठाते हुए बेहद तेज रफ्तार प्रदान करती है।
- इसी तरह हाइपरलूप के पॉड्स यानी ट्रैक में लगे चुंबक ट्यूब में लगी क्वाइलों में प्रिफ्लेक्शन पैदा कर उसे ऊपर उठा देते हैं।
- गति घटाते वक्त उत्पन्न ऊर्जा का प्रयोग मोटर की बैटरियों का रिचार्ज करने में होता है।
- बुलेट ट्रेन में प्रयुक्त कॉपर की जगह इसमें ट्रैक के दोनों ओर एल्युमिनियम क्वॉयल लगी है।
- इसे पॉड्स के ब्रेक लगने से उर्जा उत्पन्न होगी, इससे इलेक्ट्रिक मोटर की बैटरियां चार्ज होंगी।
- इसके ट्रैक के आसपास पावर स्टेशनों की जरूरत नहीं है। कंपनी का दावा है कि इसके निर्माण की लागत भी काफी है।
पुणे से मुंबई के बीच हो सकता है ट्रायल
- हवाईजहाज की स्पीड से भी तेज यह ट्रेन ‘हाइपरलूप ट्यूब’ के अंदर कम दबाव वाले क्षेत्र में चलेगी।
- इस ट्रेन के बाद नागपुर से मुंबई के बीच की दूरी सिर्फ 35 मिनट में पूरी की जा सकती है।
- हाल में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी बिलिनेयर ऐलन मस्क को इस ट्रेन के पुणे में ट्रॉयल रन के लिए न्योता दिया है।
- अमेरिकन वेस्ट कोस्ट की यात्रा से लौटे नितिन गडकरी ने बताया कि, उन्होंने ‘टेस्ला’ के अधिकारियों के साथ अच्छा समय बिताया।
- ट्रेन का ट्रायल ऐलन मस्क की कंपनी ‘स्पेस एक्स’ कर रही है। इसका ‘हाइपरलूप’ नाम भी मस्क ने ही रखा है।
- यह ट्रॉयल पुणे से मुंबई के बीच शुरू हो सकता है। हाल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी इस प्रोजेक्ट की पुष्टि की है। उनके मुताबिक प्रोजेक्ट के लिए ऐलन मस्क से बातचीत जारी है। उन्होंने मस्क की कंपनी टेस्ला को भारत में क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में इन्वेस्ट करने का आमंत्रण दिया है।
अमेरिकी में सफल रहा यह परीक्षण
- हाइपरलूप’ का आइडिया सबसे पहले साल 2013 में सामने आया था।
- 2018 तक पहली हाइपरलूप पटरियों पर दौड़ाने की तैयारी कंपनी की ओर से की जा रही है
- 2020 तक दुनिया में परिवहन की शक्ल बदलने का लक्ष्य रखा गया है।
- हाइपरलूप ट्रेन का सफल परीक्षण पहले ही अमेरिका में हो चुका है।
- इस प्रोजेक्ट में स्पेस एक्स के साथ-साथ नासा और स्काईट्रान, हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजीज और हाइपरलूप टेक्नोलॉजीज इंक जैसी कंपनियां भी लगी हुई हैं।