जयपुर। पुणे स्थित थिंक टैंक अर्थक्रांति के संस्थापक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी का आइडिया देने वाले अनिल बोकिल ने आज कहा कि उन्होंने सरकार को एक ग्लोबल टैक्स पर विचार करने का सुझाव दिया है, जो जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, भूख आदि के खिलाफ लड़ाई जैसी गंभीर वैश्विक समस्याओं का समाधान करने में मददगार हो सकता है। यूएनओ अमेरिका और यूरोपियन देशों से प्राप्त 80 प्रतिशत राशि से चलता है और इसलिए वह उनके लाभ के लिए काम करता है। वह शेष दुनिया के बारे में बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि ग्लोबल टैक्स वैश्विक सुरक्षा को स्थापित करेगा।
बोकिल ने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं की निरंतर प्रगति के लिए ‘वन करेंसी, वन वर्ल्ड’ की बहुत आवश्यकता है। भारत में नोटबंदी के पीछे अनिल बोकिल का ही दिमाग था। उन्होंने कहा कि यदि अर्थव्यवस्थाएं निरंतर प्रगति करना चाहती हैं तो यहां पूरी दुनिया में केवल एक करेंसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता भी होना जरूरी है, जो कि केवल बैंकिंग सर्विस के जरिये ही संभव है। उन्होंने कहा कि लेनदेन के लिए एक रास्ता तैयार किया जाना चाहिए।
ऑल इंडिया कस्टमर पंचायत में ‘प्रजेंट इकोनॉमिक पॉलिसी एंड कस्टमर्स’ विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए बोकिल ने कहा कि नोटबंदी के सकारात्मक परिणाम आगे आने वाले समय में दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि सिस्टम से भ्रष्टाचार, काला धन और आतंकी वित्तपोषण को खत्म करने के लिए नोटबंदी बहुत जरूरी थी।
बोकिल ने कहा कि ऊंचे मूल्य के नोटों को चलन से बाहर करने से सिस्टम से नकली मुद्रा का प्रवाह रुकेगा। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करना देश में आर्थिक बदलाव लाने की दिशा में पहला कदम है और सरकार को राष्ट्र के हित में अपनी बदलावकारी नीतियों को आगे भी जारी रखनी चाहिए।
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