वॉशिंगटन। बेहतर निवेश तथा निजी खपत के दम पर अगले तीन साल तक भारत 7.50 प्रतिशत की दर से आर्थिक वृद्धि कर सकता है। वर्ल्ड बैंक ने यह पूर्वानुमान व्यक्त किया है। वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को जारी अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत के 7.20 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है।
सरकारी खर्च में कमी के प्रभाव को ठोस निवेश ने बेअसर कर दिया। इसे सार्वजनिक खर्च से भी समर्थन मिला। बैंक ने कहा कि 2018 में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.60 प्रतिशत रही। इस दर के गिरकर 2019 में 6.20 प्रतिशत, 2020 में 6.10 प्रतिशत और 2021 में 6 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है।
इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वर्ष 2021 तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन के छह प्रतिशत की तुलना में डेढ़ प्रतिशत अधिक होगी। वर्ल्ड बैंक के अनुसार, 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.50 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। वर्ल्ड बैंक ने पिछले पूर्वानुमान में भी 2019-20 में वृद्धि दर 7.50 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
उसने कहा कि इसके बाद अगले दो वित्त वर्ष तक वृद्धि दर की यही गति बरकरार रहने वाली है। उसने कहा कि मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के लक्ष्य से नीचे है जिससे मौद्रिक नीति सुगम रहेगी। इसके साथ ही ऋण की वृद्धि दर के मजबूत होने से निजी उपभोग एवं निवेश को फायदा होगा।
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