नई दिल्ली। कॉमर्स मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में खामियां हैं और वह भारत में अभी तक हुए सुधारों को लेकर सही तस्वीर नहीं दिखाती है, विशेष रूप से टैक्स के मामलों में। मंत्रालय ने भारत के दौरे पर आई वर्ल्ड बैंक की टीम के सामने यह मुद्दा उठाया। उल्लेखनीय है कि डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2017 में वर्ल्ड बैंक ने 10 मानदंडों पर विभिन्न देशों को रैंकिंग दी है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट जिन मानदंडों पर तैयार की गई है उनमें टैक्स पेमेंट, कारोबार की शुरुआत और सीमापार व्यापार शामिल है। कर भुगतान के मामले में भारत को 190 देशों में 172वां स्थान दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट में भारत द्वारा निवेशकों का भरोसा बढ़ाने, खास तौर से मेक इन इंडिया अभियान के तहत किए गए उपायों को नजरअंदाज किया गया है।
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वर्ल्ड बैंक की टीम के संज्ञान में यह तथ्य भी लाया गया है कि भारत में नमूने का आकार अन्य विकासशील देशों की तुलना में आबादी के हिसाब से आश्चर्यजनक रूप से काफी ऊंचा है। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि ये निष्कर्ष भारत में किए गए सुधारों की सही तस्वीर नहीं दिखाते विशेष रूप से टैक्स रेट और प्रशासन के मामले में।
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वर्ल्ड बैंक की टीम फिलहाल मुंबई में है। यह टीम 10 और 11 जुलाई को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेगी। वर्ल्ड बैंक टीम की भारत यात्रा इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि उसकी अगली रिपोर्ट इस साल अक्टूबर में आएगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रिपोर्ट में भारत को 130वां स्थान मिला है। भारत ने इस मोर्चे पर खुद को शीर्ष 50 देशों में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। बता दें कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट भारत में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के मकसद से काफी महत्वपूर्ण है।
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