साणंद। टाटा मोटर्स पर छाए संकट के बादल फिलहाल छंटते नहीं दिख रहे हैं। सोमवार को ही जीका वायरस से मिलते जुलते नाम के चलते नया नाम टिआगो हासिल करने वाली टाटा की नई हैचबैक कार फिर मुश्किल में फंसती नजर आ रही है। टाटा टिआगो का निर्माण गुजरात के साणंद कारखाने में होना है। लेकिन यहां के 300 श्रमिक मंगलवार को अचानक हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली कर्मचारी अपने लगभग 20 सह कर्मचारियों को बहाल करने की मांग कर रहे हैं जिन्हें कंपनी ने गंभीर दुव्र्यवहार के चलते निलंबित कर दिया था। इससे पहले कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कंपनी को मार्कोपोलो बस के धारवाड़ संयंत्र को भी बंद करना पड़ा है।
Rename: टाटा मोटर्स की हैचबैक जीका को मिला नया नाम TIAGO, जल्द होगी बाजार में एंट्री
तस्वीरों में देखिए TIAGO (Zica)
साणंद में बननी है टिआगो
साणंद कारखाने की सालाना उत्पादन क्षमता दो लाख वाहनों की है और फिलहाल इसमें नैनो बनती है। कंपनी की अपनी प्रस्तावित टियागो कार इसी कारखाने में बनाने की योजना है। टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, टाटा मोटर्स के साणंद कारखाने के लगभग 300 श्रमिकों ने 22 फरवरी को अचानक धरना हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि ये श्रमिक निलंबित (जांच विचाराधीन) कामगारों को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी प्रबंधन हड़ताली श्रमिकों से बातचीत करने की कोशिश कर रहा है।
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धारवाड़ संयंत्र भी बंद
उल्लेखनीय है कि कंपनी के साणंद कारखाने में यह हड़ताल ऐसे समय में हुई है जबकि उसकी अनुषंगी टाटा मार्कोपोलो के धारवाड, कर्नाटक कारखाने में बंदी चल रही है। वेतन संशोधन को लेकर श्रमिकों की हड़ताल के बाद इस कारखाने में बंदी घोषित की गई थी। टाटा ने अपनी नई हैचबैक कार को पहले जीका के नाम से पेश किया था। लेकिन दक्षिण अमेरिका में जीका वायरस के चलते कंपनी को इसका नाम बदलकर टिआगो करना पड़ा है।
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