इस्लामाबाद। बहुप्रतिक्षित 1680 किलोमीटर लंबी तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) गैस पाइपलाइन पर पाकिस्तान में शुक्रवार से काम शुरू होने जा रहा है। इससे दक्षिण एशिया में ऊर्जा की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के नेताओं ने दिसंबर 2015 में परियोजना के लिए काम शुरू करने को अपनी मंजूरी दी थी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इंटर स्टेट गैस सिस्टम्स के प्रबंध निदेशक मोबिन सौलत के हवाले से कहा, तुर्कमेनिस्तान के अधिकारी एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे हैं। शुक्रवार को पाकिस्तान में पाइपलाइन के मार्ग और इंजीनियरिंग के विस्तृत सर्वेक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया जाएगा।
- गैस पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू करने से पहले पाइपलाइन के मार्ग और विस्तृत इंजीनियरिंग एवं व्यवहार्यता अध्ययन का काम एक सलाहकार कंपनी द्वारा किया जाएगा।
- परियोजना प्रबंधन सलाहाकार सबसे पहले सर्वेक्षण और अध्ययन का काम पाकिस्तान में करेगा और उसके बाद अफगानिस्तान में यह किया जाएगा।
- तापी कंपनी को इस बहुराष्ट्रीय गैस पाइपलाइन के संचालन का काम दिया गया है। इस कंपनी ने जर्मनी की कंपनी आईएलएफ को परियोजना प्रबंधन का ठेका दिया है।
- तुर्कमेनिस्तान में पाइपलाइन निर्माण और गैस क्षेत्र के विकास का काम शुरू हो चुका है।
- तापी पाइपलाइन के लिए सभी सदस्य देश पहले ही 10 अरब डॉलर निवेश वाले समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
- समझौते के मुताबिक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत को प्रतिदिन 3.2 अरब क्यूबिक फीट गैस देने के लिए तुर्कमेनिस्तान 25 अरब डॉलर का निवेश करेगा।
- कुल रकम में से 15 अरब डॉलर का निवेश गैस क्षेत्र के विकास में किया जाएगा, जहां 10 अरब डॉलर तुर्कमेनिस्तान के साथ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत को जोड़ने वाली 1680 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने में खर्च होंगे।
- यह पाइपलाइन दक्षिण और मध्य एशिया को आपस में जोड़ेगी।
Latest Business News