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Online Scams: भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी सबसे ज्‍यादा, वर्क फ्रॉम होम और लॉटरी के बहाने हो रहे हैं फ्रॉड

भारत में इंटरनेट का उपयोग बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से ऑनलाइन धोखाधड़ी भी बढ़ रही है। लोगों में जागरुकता बढ़ी है, लेकिन रोजाना ठगी के मामले सामने आ रहे हैं।

Online Scams: भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी सबसे ज्‍यादा, वर्क फ्रॉम होम और लॉटरी के बहाने हो रहे हैं फ्रॉड- India TV Paisa Online Scams: भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी सबसे ज्‍यादा, वर्क फ्रॉम होम और लॉटरी के बहाने हो रहे हैं फ्रॉड

नई दिल्‍ली। भारत में जितनी तेजी से इंटरनेट का उपयोग बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से यहां ऑनलाइन धोखाधड़ी भी बढ़ रही है। नॉर्वे स्थित टेलीनॉर द्वारा गुरुवार को जारी इंटरनेट ठगी नामक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा ऑनलाइन धोखाधड़ी घर बैठे काम (वर्क फ्रॉम होम), लॉटरी और नकली बैंक ईमेल के जरिये होती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि लोगों में जागरुकता बढ़ी है, लेकिन रोजाना ही ठगी के मामले सामने आ रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तेजी से ठग भी नए-नए शातिराना तरीकों से उपभोक्ताओं की निजी जानकारियां चुरा रहे हैं। टेलीनॉर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शरद मल्होत्रा ने बताया कि भारत में इंटरनेट के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है और हम अपने ग्राहकों की इंटरनेट सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। वर्क फ्रॉम होम (घर बैठे काम) धोखाधड़ी के तहत उपभोक्ता को कभी भुगतान नहीं मिलता है। यहां तक विभिन्न बहानों से उन्हीं से रकम ऐंठ ली जाती है। इसमें या तो कोई काम शुरू करने के नाम पर ऑनलाइन धन वसूल लिया जाता है या फिर कम्‍प्‍यूटर पर घर बैठे काम कराया जाता है और बदले में कुछ भी भुगतान नहीं किया जाता है।

सर्वे में शामिल एक चौथाई लोगों ने कहा कि वे ‘लॉटरी ठगी’ के शिकार हुए हैं। इसमें उपभोक्ताओं को बड़ी रकम इनाम में मिलने की बात कही जाती है और कस्टम फीस या अन्य किसी बहाने से ठग अपने खातों में रकम डालने को कहते हैं। इस तरह इनाम तो मिलता नहीं और अपने पास के पैसे भी लोग डुबा बैठते हैं। भारत में ऑनलाइन ठगी के कारण प्रति व्यक्ति वित्तीय हानि का आंकड़ा 8,19,000 रुपए है, जबकि एशिया के देशों का औसत आंकड़ा 6,81,070 रुपए है।

इस सर्वे में भाग लेने वाले 50 फीसदी लोगों का मानना था कि लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। वहीं, 60 फीसदी लोगों का कहना था कि यह जिम्मेदारी वेबसाइट की है। हालांकि कुल मिलाकर 80 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि ऑनलाइन खतरों से बचने की जिम्मेदारी खुद अपनी है। उन्होंने कहा कि धोखेबाजों और ठगों को जेल भेजा जाना चाहिए।

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