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सार्वजनिक उपक्रमों में महिला कार्यकारियों के सशक्तीकरण की जरूरत: स्कोप

सार्वजनिक उपक्रमों में ऐसी क्षमता बढाने की आवश्यकता है ताकि इनमें काम करने वाली महिला अधिकारियों को निदेशक मंडल स्तर के पदों तक पदोन्नति दी जा सके।

दूसरे देशों से पीछे हैं भारत में सार्वजनिक उपक्रमों की महिला कर्मचारी- India TV Paisa दूसरे देशों से पीछे हैं भारत में सार्वजनिक उपक्रमों की महिला कर्मचारी

नई दिल्ली। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के मंच स्कोप ने कहा है कि इन उपक्रमों में तत्काल ऐसी क्षमता बढाने की आवश्यकता है ताकि सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाली महिला अधिकारियों को निदेशक मंडल स्तर के पदों तक पदोन्नति दी जा सके। स्कोप के महानिदेशक डा यूडी चौबे ने कहा कि भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में निदेशक मंडल स्तर पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व दूसरे देशों की तुलना में कम है। वह यहां महिला कार्यकारियों के लिए नेतृत्व विकास पर एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन स्कोप ने मानव संसाधन कंसल्टेंसी फर्म माइंडशेयर एचआर कंसल्टेंसी के साथ मिल कर किया था। इसमें मध्यम और वरिष्ठ प्रबंधन स्तर की महिला अधिकारियों ने भाग लिया। स्कोप की विज्ञप्ति के अनुसार कार्यशाला को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष स्तुति कक्कड, स्कोप के महानिदेशक डा चौबे, माइंडशेयर एचआर कंसल्टेंसी के निदेशक अशोक भट्ट और कई अन्य विशेषज्ञों ने संबोधित किया।

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चौबे ने कहा कि स्कोप महिला कार्यकारियों को और क्षमतावान एवं अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है और उनके कौशल विकास के लिए इस तरह के और अधिक कार्यक्रम आयोजित करेगा। स्तुति कक्कड़ ने तंदरस्ती और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के इस दिशा में संगठनों के अंदर काउंसिलिंग प्रकोष्ठों भी स्थापित होने चाहिए। माइंडशेयर एचआर कंसल्टेंसी के निदेशक भट्ट ने कहा कि इस कार्यक्रम में मुख्य जोर इस विषय पर है कि महिला कर्मचारियों की किसी तरह अपनी व्यक्तिगत पहचान पर ध्यान देना चाहिए।

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