मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस महीने की शुरुआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया। यह लंबे समय तक महंगाई दर को 4% से नीचे रखने की दिशा में उठाया गया कदम है। बैठक के संदर्भ में जारी ब्योरे में यह बात कही गयी है। आरबीआई गर्वनर पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) के छह में से पांच सदस्यों ने नीतिगत दर (रेपो दर) में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करने के पक्ष में वोट किया था। आरबीआई की ओर से यह लगातार दूसरी वृद्धि है और रेपो दर बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गयी है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने जून में इसमें वृद्धि की थी।
पटेल का मत था कि महंगाई दर बढ़ने का जोखिम बने रहने से मैं रेपो दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि के पक्ष में वोट करता हूं। यह टिकाऊ आधार पर महंगाई दर को चार प्रतिशत के दायरे में रखने की दिशा में एक अहम कदम है। आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि हालांकि, वर्तमान अनिश्चितताओं को देखते हुए मैं मौद्रिक नीति पर तटस्थ रुख बनाए रखता हूं।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भी ग्रोथ को ध्यान रखते हुए महंगाई को निर्धारित दायरे में रखने के लिए रेपो दर में वृद्धि के पक्ष में मतदान किया। आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर रविंद्र एच ढोलकिया एकमात्र ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने नीतिगत दर में वृद्धि के पक्ष में मतदान नहीं किया।
RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने पेश किया UPI 2.0
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने गुरुवार को यूपीआई का दूसरा संस्कण (2.0) पेश किया। यह ग्राहकों को व्यापारियों को भुगतान के लिए ओवरड्रापफ्ट सीमा के उपयोग की अनुमति देगा। नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) ने एक बयान में यह जानकरी दी। एनपीसीआई ने कहा कि ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’ (UPI) के जरिये ग्राहक भुगतान से पहले ग्राहक द्वारा भेजे ‘बिल’ (इनवॉयस) को जांच सकेंगे।
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