नई दिल्ली। महामारी के प्रकोप के चलते भारत में आवासीय कीमतें 2020 की दिसंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत घटी और भारत का आवासीय बाजार कमजोर प्रदर्शन के कारण एक वैश्विक सूची में एक साल पहले के 43वें स्थान से घटकर सबसे नीचे 56वें स्थान पर आ गया। अंतरराष्ट्रीय संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार इस सूची में तुर्की सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर में भारत सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला आवासीय बाजार था, जहां कीमतों में सालाना आधार पर 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई।
नाइट फ्रैंक वैश्विक आवासीय कीमत सूचकांक के आधिकारिक आंकड़ों का इस्तेमाल करके दुनिया भर में 56 देशों में मकानों की कीमतों का ब्यौरा तैयार करता है। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान तुर्की का आवास बाजार सालाना आधार पर कीमतों 30.3 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ अव्वल रहा, जिसके बाद न्यूजीलैंड और स्लोवाकिया का स्थान रहा। महामारी से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में इस दौरान कीमतें 10.4 प्रतिशत बढ़ीं। नाइट फ्रैंक के चेयरमैन शिशिर बैजल ने कहा कि ‘कोविड19 महामारी ने खुद रहने के लिए मकान खरीदने के प्रति लोगों की धारणा बदल दी है। टीकाकरण होने से हमें उम्मीद है कि बाजार की स्थिति पुन: सामान्य होगी। सरकारों को भी कुछ उपाय करने होंगे ताकि इस समय शुरू हुआ बिक्री का सिलसिला आगे बढ़ सके।’
महामारी के बाद से घरों की बिक्री को बढ़ाने के लिए सेक्टर से लेकर सरकारों तक लगातार कदम उठा रहे हैं। कुछ राज्य सरकारों ने ड्यूटी में कटौती की है, तो बैंकों की तरफ से कर्ज के आकर्षक ऑफर दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही बिल्डर्स भी लगातार नई-नई स्कीम सामने रख रही हैं। हालांकि इन सबके बावजूद घरों की बिक्री पिछले साल के स्तरों से काफी नीचे बनी हुई हैं, जिसकी वजह से कीमतों पर भी दबाव देखने को मिल रहा है।
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