जम्मू। जम्मू-कश्मीर में शराब बेचने के लिये ई-नीलामी शुरू होने के बाद अपनी रोजरोटी से हाथ धो चुके सैकड़ों व्यापारियों ने रविवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष उनका पुनर्वास किये जाने की अपील की है। राज्य में शराब बिक्री के लिये पिछले महीने हुई ई-नीलामी में 228 शराब व्यापारी अपनी दुकानों को गंवा चुके हैं। इस नीलामी से राज्य सरकार को 140 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह नीलामी एक साल के लिये हुई है। वहीं इससे पहले राज्य में इन दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण किये जाने से मात्र 10 करोड़ रुपये प्राप्त होते रहे हैं।
पढ़ें- हिंदी समझती है ये वॉशिंग मशीन! आपकी आवाज पर खुद धो देगी कपड़े
पढ़ें- किसान सम्मान निधि मिलनी हो जाएगी बंद! सरकार ने लिस्ट से इन लोगों को किया बाहर
जम्मू वाइन ट्रेडर्स एसोसियेसन (जेडब्ल्यूटीए) के अध्यक्ष चरणजीत सिंह ने कहा, ‘‘हम पिछले पांच दशक से शराब के कारोबार में हैं लेकिन सरकार की अचानक ई- नीलामी की नीति का हमने विरोध किया। हमें पता था कि हम प्रतिनिधित्व के तौर पर बोली लगाने वालों के सामने नहीं टिक पायेंगे और अपनी रोजी रोटी नहीं बचा पायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। केवल 20 व्यापारी ही अपने दुकानों को बरकरार रख पायें हैं जबकि 200 से अधिक अपने कारोबार से हाथ धो बैठे हैं। इसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 30 हजार से अधिक परिवारों पर असर पड़ा है।
पढ़ें- LPG ग्राहकों को मिल सकते हैं 50 लाख रुपये, जानें कैसे उठा सकते हैं लाभ
पढ़ें- खुशखबरी! हर साल खाते में आएंगे 1 लाख रुपये, मालामाल कर देगी ये स्कीम
सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से बाहर के शराब माफिया ने अपने प्रतिनिधियों के जरिये यहां के शराब कारोबार पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ नये क्षेत्रों में अथवा जहां दुकानें कम हैं, वहां के लिये नए लाइसेंस जारी करने चाहिये, ताकि उनके हितों की रक्षा हो सके।
Latest Business News