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Hindi News पैसा बिज़नेस RBI से मिलने वाली अप्रत्याशित पूंजी बनेगी आर्थिक सुस्ती से लड़ने का हथियार, सार्वजनिक खर्च में होगी वृद्धि

RBI से मिलने वाली अप्रत्याशित पूंजी बनेगी आर्थिक सुस्ती से लड़ने का हथियार, सार्वजनिक खर्च में होगी वृद्धि

गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल ने बिमल जालान समिति की सिफारिशों को मानते हुए 1,76,051 करोड़ रुपए सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय किया।

Windfall from RBI to give govt ammunition to fight slowdown, boost capex- India TV Paisa Image Source : WINDFALL FROM RBI TO GIVE Windfall from RBI to give govt ammunition to fight slowdown, boost capex

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकार को लाभांश और अधिशेष पूंजी के रूप में 1.76 लाख करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि हस्तातंरित करने का फैसला किया है। यह पूंजी मोदी सरकार के लिए आर्थिक सुस्ती से लड़ने का उपयुक्त हथियार साबित होगी और यह निवेश बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्रवार प्रोत्साहन पैकेज देने में भी मददगार होगी।

विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई से मिलने वाली पूंजी का इस्तेमाल उधारी घटाने, 3.3 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय योजना के वित्तपोषण, बैंक के पुनर्पूंजीकरण और संकट में फंसे क्षेत्रों को प्रोत्साहन पैकेज देने में किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय ने अब तक आरबीआई के अधिशेष के उपयोग का खाका नहीं बनाया है।

विशेषज्ञों ने कहा कि 50,000 करोड़ रुपए के अधिशेष कोष का उपयोग बुनियादी ढांचे में निवेश करके पूंजी निर्माण करने या बैंकों का पुनर्पूंजीकरण करके उनकी ऋण देने की क्षमता को बढ़ाने में किया जा सकता है। ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने एक रिपोर्ट में कहा कि यदि सरकार हस्तांतरित राशि को ऊंचे खर्च में बदलने का विकल्प चुनती है, तो हमारा मानना है कि वह खपत के बजाये बुनियादी ढांचे पर खर्च को तवज्जो देगी।

आरबीआई की ओर से सरकार को मिले अतिरिक्त सहयोग से अल्प अवधि में बाजारों को समर्थन मिलेगा। बोफा मेरिल लिंच ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूंजी का इस्तेमाल सार्वजनिक बैंकों के पुनर्पूंजीकरण में किया जा सकता है। पिछले शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा था कि बैंकों में जल्द से जल्द 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी। इससे बैंकों के कर्ज की ब्याज दर को नीचे लाने में मदद मिलेगी।

अश्विन पारेख एडवाइजरी सर्विसेज के मैनेजिंग पार्टनर अश्विन पारेख ने कहा कि मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में आरबीआई की ओर से पूंजी हस्तांतरण से सरकार को अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिलेगी। कर्ज में वृद्धि का अर्थव्यवस्था पर बहुआयामी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह कई क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है। सरकार इस पूंजी का उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण करके पूंजीगत खर्च के रूप में कर सकती है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार पूंजी का इस्तेमाल अटकी हुई परियोजनाओं में करती है तो इन परियोजनाओं को गति मिल सकती है।

गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल ने बिमल जालान समिति की सिफारिशों को मानते हुए 1,76,051 करोड़ रुपए सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय किया। इसमें वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए 1,23,414 करोड़ रुपए का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्रावधान के रूप में चिन्हित किया गया है। अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधित संशोधित नियमों (ईसीएफ) के आधार पर निकाली गई है। 

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