नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को भारतीय उद्योग जगत को भरोसा दिलाया है कि वित्तीय तंत्र में तरलता सुनिश्चित करने और आर्थिक विकास में गति लाने के लिए केंद्रीय बैंक हर जरूरी कदम उठाएगा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे सभी जगह निराशा का माहौल है।
औद्योगिक संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गवर्नर दास ने कहा कि सरकार द्वारा जारी जीडीपी का आंकड़ा कोविड-19 से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार पूरी रफ्तार में नहीं पहुंचा है। इसमें सुधार धीरे-धीरे होगा। दास ने कहा कि आरबीआई की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में नकदी की उपलब्धता से सरकार के लिए कम दर पर और बिना किसी परेशानी के बड़े पैमाने पर उधारी सुनिश्चित हुई है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी रिजर्व बैंक उसके लिए पूरी तरह तैयार है। शिक्षा का आर्थिक विकास में योगदान रहता है, ऐसे में नई शिक्षा नीति ऐतिहासिक है और नए युग के सुधारों के लिए जरूरी है। अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में निजी क्षेत्र को अनुसंधान, नवोन्मेष, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र आर्थिक वृद्धि का इंजन बन सकता है, क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दबी मांग हैं जिसका लाभ उठाने की जरूरत है।
केंद्रीय बैंक प्रमुख ने कहा कि एनबीएफसी की कमजोरी चिंता का विषय है और नियमन के मामले में वे अभी भी बैंकों के समान स्तर पर नहीं हैं।
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