नई दिल्ली। ब्रेड में पोटेशियम ब्रोमाइट और पोटेशियम आयोडेट का इस्तेमाल नुकसानदायक होने को लेकर छिड़ी बहस के बीच ब्रेड विनिर्माताओं ने कहा कि वह जनता की इच्छा का सम्मान करते हुए इन रसायनों का इस्तेमाल बंद कर रहे हैं और इनके स्थान पर दूसरे विकल्पों को देखेंगे।
ब्रेड निर्माताओं के संगठन ऑल इंडिया ब्रेड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईबीएमए) ने कहा कि पोटेशियम ब्रोमाइट और पोटेशियम आयोडेट का इस्तेमाल पूरी तरह से वैध है और यह पूरी तरह सुरक्षित हैं। सरकारी संस्थाओं के वैज्ञानिकों ने इनके इस्तेमाल की मंजूरी दी है। पूरी दुनिया में इन एंजाइम का इस्तेमाल होता है, लेकिन जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एसोसिएशन के सदस्यों ने इनका इस्तेमाल तुरंत प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मग्गो ने कहा, जनता चाहती है कि उन्हें पोटेशियम ब्रोमाइट का इस्तेमाल पसंद नहीं तो इनका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हमारे पास कई विकल्प हैं, पोटेशियम ब्रोमाइट के इस्तेमाल से ब्रेड में मजबूती आती है, यह टूटती नहीं है, इसके दूसरे कई विकल्प हैं। उल्लेखनीय है कि सेंटर फॉर सांइस एंड एनवायरन्मेंट (CSI) की रिपोर्ट के बाद जनता के बीच ब्रेड और बन आदि को लेकर आशंका पैदा हुई है। सीएसई ने इन अवयवों के इस्तेमाल को हानिकारक बताया है। उसका कहना है कि इससे कैंसर हो सकता है।
सीएसई ने दिल्ली में बिकने वाली विभिन्न ब्रांडों की 38 ब्रेड का नमूना लिया और जांच की। सीएसई का दावा है कि 84 फीसदी नमूनों में पोटेशियम ब्रोमाइट या पोटेशिमय आयोडेट के तत्व पाए गए। देश में ब्रेड, बन आदि का करीब 5,000 करोड़ रुपए का बाजार है, जिसमें से ज्यादातर असंगठित क्षेत्र में है। संगठित क्षेत्र का हिस्सा इसमें 40 फीसदी तक ही है। इनका बाजार हर साल 10 से 15 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
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