बरेली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि श्रम कानूनों में सुधार की प्रक्रिया तेज करने तथा मजदूर संगठनों के साथ बेहतर सामंजस्य एवं सहमति बनाने के लिए देश के मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठनों को 14 सितम्बर को दिल्ली बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि सभी 44 श्रम कानूनों में से प्रासंगिकता खो चुके चार कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। अब शेष 40 कानूनों में से 36 कानूनों को भी समाप्त करने पर कार्य शुरू हो गया है। सरकार देश में मात्र चार श्रम कानून रखेगी।
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गंगवार बरेली में रविवार की रात इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित श्रमिक विधियों और लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों के विषय पर आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने श्रम कानूनों में सुधार किए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को एक विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित की जाएगी।
गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस परिवर्तन के जरिए ही जून और जुलाई माह में देश की आर्थिक आजादी की नींव जीएसटी के माध्यम से रखी गई। आजादी के बाद वह दिन देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण था। आने वाले समय में जीएसटी के सुखद परिणाम आएंगे और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ेगा। इसका लाभ व्यापारियों और उपभोक्ताओं के साथ ही देश को भी मिलेगा।
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उन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत 40 करोड़ से ज्यादा असंगठित श्रमिको के हितों की रक्षा करने के लिए उन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की तैयारी कर रहा है।
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