डनकिर्क (फ्रांस)। दिग्गज इस्पात उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल ने कहा कि यदि दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल को एस्सार स्टील के लिए बोली प्रक्रिया में हिस्सा लेने से अयोग्य ठहराया जाता है तो मुझे बहुत हैरानी होगी। कर्ज के बोझ तली दबी कंपनी एस्सार स्टील के अधिग्रहण की दौड़ में आर्सेलरमित्तल और न्यूमेटल बोलीदाता के रूप में शामिल हैं। 30 से अधिक बैंकों से 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के चलते एस्सार स्टील को दिवालिया कार्रवाई का सामना कर रही है।
आर्सेलरमित्तल के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने कहा कि मुझे हैरानी होगी, यदि एस्सार स्टील की बोली प्रक्रिया से हमें अयोग्य ठहराया जाता है। आर्सेलरमित्तल दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी है। हम वित्तीय रूप से बहुत मजबूत हैं, निवेश के लिए तैयार हैं और अपनी प्रौद्योगिकी, उत्पादों को भारत लाना चाहते हैं।
कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने 2 मई को एस्सार स्टील के लिए पात्रता के संबंध में आर्सेलरमित्तल और न्यूमेटल के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। इस पर निर्णय आना अभी बाकी है।
उन्होंने कहा कि भारत हमारे खासकर मेरे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम अपने देश में मौजूदगी दर्ज कराना चाहते हैं। मित्तल ने कहा कि भारत रणनीतिक रूप से तेजी वाला बाजार है और यदि इस्पात उद्योग की वृद्धि को देखा जाए तो आगामी वर्षों में वृद्धि का अधिकांश हिस्सा चीन और भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से आएगा।
मित्तल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के पीछे मजबूत रणनीतिक तर्क है। इस समय हमारा ध्यान एस्सार स्टील पर है। आर्सेलरमित्तल लंबे समय से भारत में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही है। कंपनी की योजना एस्सार का अधिग्रहण करके भारतीय इस्पात बाजार में प्रवेश करने की है।
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